यहाँ पर हम आपके लिए ऐसी हंसाने वाली पहेलियां लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हँसते-हँसते लोटपोट हो जाएँगे |
100 हंसाने वाली पहेलियां | Funny Paheliyan in Hindi with Answer
शब्द एक हीं, मतलब दो, एक भाषा, एक रहने को |
उत्तर – बंगला
खुद कभी वह कुछ न खाए, लेकिन सब को खूब खिलाए |
उत्तर – चम्मच
सबको इससे डर है लगता, पर उजियारा इस पे हँसता |
उत्तर – अँधेरा
दो अक्षर का मेरा नाम, सिर पर चढ़ना मेरा काम |
उत्तर – टोपी
पन्द्रह दिन में हुआ बीमार, पन्द्रह दिन का राजकुमार |
उत्तर – चाँद
100 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित |
100 छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित |
100 दिमागी पहेली उत्तर सहित |
20 बुद्धिमान पहेलियां |
पेट में अंगुली, सिर पर पत्थर, झटपट बताओ इसका उत्तर |
उत्तर – अंगूठी
कटोरा पर कटोरा, बेटा बाप से भी गोरा |
उत्तर – नारियल
खड़ा पर भी खड़ा, बैठने पर भी खड़ा |
उत्तर – सींग
दिन में सोए, रात में रोए | जितना रोए, उतना खोए |
उत्तर – मोमबत्ती
न भोजन खाता, न वेतन लेता, फिर भी पहरा डटकर देता |
उत्तर – ताला
एक पेड़ की तीस है डाली, आधी सफेद और आधी काली |
उत्तर – महीना
एक घर में पचास चोर, रहते हैं सब साथ-साथ |
उत्तर – माचिस
हरा मकान, लाल दुकान, और उसमें बैठता लल्लूराम |
उत्तर – तरबूज
कान मरोड़ो, पानी दूँगा, मैं कोई पैसे नहीं लूँगा |
उत्तर – नल
एक पैर है काली धोती, जाड़े में वह हरदम सोती | गरमी में है छाया देती, सावन में वह हरदम रोती |
उत्तर – छतरी
वह पाले नहीं भैंस, ना गाय, फिर भी दूध मलाई हीं खाए | घर बैठे हीं वह करे शिकार, रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |
उत्तर – बिल्ली
भवनों से मैं नजर आता, सब बच्चों को खूब भाता | दूर का हूँ लगता मामा, रूप बदलता पर दिल को भाता |
उत्तर – चंद्रमा
बिना पाँव पानी पर चलती, बत्तख नहीं, ना पानी की रानी | उसे न चाहिए सड़क या पटरी, सिर्फ चाहिए गहरा पानी |
उत्तर – नाव
सात रोज में हूँ आता, बालकों का हूँ चहेता | वे करते हैं बस मुझसे प्यार, नित्य करते हैं मेरा इंतजार |
उत्तर – रविवार
रंग है उसका पीला, तपाया है तो ढीला | पीटा है तो फैला, कीमती है तो छैला |
उत्तर – सोना
खबर लाता हूँ सुबह नहीं लगाता हूँ देर मैं | फेंक दिया जाता हूँ, दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |
उत्तर – अख़बार
बोल नहीं पाती हूँ मैं, और सुन नहीं पाती | बिना आँखों के हूँ अंधी, पर सबको राह दिखाती |
उत्तर – पुस्तक
तीन अक्षर का मेरा नाम, बीच कटे तो रिश्ते का नाम | आखिरी कटे तो सब खाए, भारत के तीन तरफ दिखाए |
उत्तर – सागर
शुरू कटे तो कान कहलाऊँ, बीच कटे तो मन बहलाऊँ | परिवार की मैं करूँ सुरक्षा, बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |
उत्तर – मकान
नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी | नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए |
उत्तर – तोता
राजा महाराजाओं के ये, कभी बहुत आया काम | संदेश इसने पहुचाएँ, सुबह हो या शाम |
उत्तर – कबूतर
आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’, अंत में इसके ‘ह’ है | पेड़ों पर रहता है, सुर में कुछ कहता है |
उत्तर – पपीहा
सफेद मुर्गी, हरी पूँछ, तुझे ना आए काले से पूछ |
उत्तर – मूली
देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया | पानी तो पूरा शुद्ध था, पर पी न कोई पाया |
उत्तर – ओस
सर्दी की रात मैं नभ से उतरूँ, लोग कहते हैं मुझे मोती | सूर्य का प्रकाश देखते हीं, मैं गायब होती |
उत्तर – ओस
करती नहीं यात्रा दो गज, फिर भी दिन भर चलती है | रसवंती है, नाजुक भी, लेकिन गुफा में रहती है |
उत्तर – जीभ
नहीं सुदर्शन चक्र मगर, मैं चकरी जैसा चलता | सिर के ऊपर उल्टा लटका, फर्श पर नहीं उतरता |
उत्तर – पंखा
पास में उड़ता-उड़ता आए, क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए | बिना आग के जलता जाए, सबके मन को वह लुभाए |
उत्तर – जुगनू
छिलके को दूर हटाते जाओ, बड़े स्वाद से खाते जाओ | इतना पर अवश्य देखना, छिलके इसके दूर हीं फेंखना |
उत्तर – केला
तरल हूँ पर पानी नहीं, चिपचिपा हूँ गोंद नहीं | मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं, मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |
उत्तर – शहद
उल्टा-सीधा एक समान? तीन अक्षर का मेरा नाम | मुझसे सुन्दर दिखे जहान, जरा बताओ मेरा नाम?
उत्तर – नयन
हुगली नदी पर बना, ऐसा है एक सेतू | चार खंभों पर टिका हुआ, लोगों को पार कराने हेतू |
उत्तर – हावड़ा ब्रिज
कौन कुंवारा आजीवन था, किसे प्रकृति से था प्यार | किसका साहित्य छायावाद पर, नाम बताओ सोच-विचार |
उत्तर – सुमित्रानंदन पंत
पारिवारिक व राष्ट्र-भावना, किसके साहित्य में दृश्यमान | राजनीति में रही सक्रिय, ओज-वीर उसकी पहचान |
उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान
डगमग-डगमग, हिलता-डुलता, सागर की लहरों पर चलता | जल सेना का साथी सच्चा, नाम बताओ उसका बच्चा |
उत्तर – पानी का जहाज़
बावन सेकंड में गाया जाऊँ, बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ | गुरुदेव टेगोर की रचना न्यारी, गाने में लगती है प्यारी |
उत्तर – राष्ट्र गान
गलती को में खूब मिटाती, घिसते-घिसते खुद घिस जाती | बच्चों की मैं पक्की मित्र, मिटा-मिटा बनवाती चित्र |
उत्तर – रबड़
तीन अक्षर का मेरा नाम, जीवन लेना मेरा काम | प्रथम कटे रोना बन जाऊँ, मध्य कटे कोना कहलाऊँ |
उत्तर – कोरोना
याद सुबह मैं आता हूँ, दाँतों को चमकाता हूँ | करके अपना कार्य समय से, दिनभर फिर सुस्ताता हूँ |
उत्तर – टूथब्रश
जो करता है वायु शुद्ध, फल देकर जो पेट भरे | मानव बना है उसका दुश्मन, फिर भी वह उपकार करे |
उत्तर – पेड़
धूम धड़ाका खूब करूँ मैं, तीन अक्षर का मेरा नाम | अंतिम अक्षर ‘ख’ है मेरा, नाम बताओ भोलूराम |
उत्तर – पटाखा
खट्टा मगर रसीला हूँ, ऊपर से हरा या पीला हूँ | गर्मी में मेरी आती बहार, लगा दूँ रस की धार |
उत्तर – नींबू
धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह | जो पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए |
उत्तर – विद्या
महापुरुषों की धरोहर, है देश की शान | तीन रंगों में लहराता, राष्ट्र की पहचान |
उत्तर – तिरंगा
मैं तीन अंकों की संख्या, सोचो तो मैं कौन हूँ? मैं ठग-बदमाशों की संज्ञा, बूझो तो मैं कौन हूँ?
उत्तर – 420
बूझो बच्चों एक पहेली, काली थाल की गोरी सहेली | घूम-घूम कर नाच दिखाती, फूल के मैं कुप्पा हो जाती |
उत्तर – रोटी
ऊँचा-ऊँचा जो उड़े, न बादल न चील | कभी डोर उसकी खींचे, कभी पेंच में ढील |
उत्तर – पतंग
बादल बरसे बिजली चमके, या बरसे अंगारा | मातृभूमि की रक्षा खातिर, बीते जीवन हमारा |
उत्तर – फौजी
तीन अक्षरों का शब्द, आदि कटे से गरदन प्यारी | मध्य कटे से संक्षेप बने, अंत कटे से बने तरकारी |
उत्तर – सागर
एक अनोखा डिब्बा वो, जो बोले और दिखाए | करे मनोरंजन सबका, हर घर में पाया जाए |
उत्तर – टीवी
हरी-हरी पोशाक हमारी, हरा- भरा है सबका रूप | पौधों को भोजन हम देते, जब भी मिलती हमको धूप |
उत्तर – पत्ती
रंग-बिरंगी ठंडी-ठंडी, फ्रिज में जमा रहती | बर्फ जमा है साथ मेरे, गर्मी में राहत देती |
उत्तर – आइसक्रीम
छायावादी किसका साहित्य, किसने तोड़ा छन्द विधान | दीन-हीन दलितों को किसने, अपना कर दिया सम्मान?
उत्तर – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
लाल हूँ मैं, खाती हूँ सूखी घास | पानी पीकर मर जाऊँ, जल जाए जो आए मेरे पास |
उत्तर – आग
पौधों को मैं जकड़े रहती, मिट्टी के अन्दर घर मेरा | लवण और जल पहुंचाती, बताओ क्या नाम मेरा?
उत्तर – जड़