हम यहाँ आपके लिए ऐसी 20 बुद्धिमान पहेलियां लेकर आए हैं, जिसको हल करने में आपको अपनी बुद्धि तो लगानी पड़ेगी मेरे दोस्त | क्योंकि ऐसी पहेली, बुद्धिमान लोगों के लिए हीं होती है |
25 बुद्धिमानी पहेलियाँ | Buddhiman Paheliyan with Answer
हरी-हरी मछली के हरे-हरे अंडे | जल्दी से बूझो पहेली, नहीं तो पड़ेंगे डंडे |
उत्तर – मटर
दुम कटे तो सीता, शीश कटे तो मित्र | बीच कटे तो खोपड़ी, पहेली है बड़ी विचित्र |
उत्तर – सियार
सुबह सवेरे आता हूँ, शाम ढले चल जाता हूँ | मुझे देखकर दिन की शुरुआत, सभी को रोशन कर जाता हूँ |
उत्तर – सूरज
शुरू कटने से हूँ मैं पशु, बीच कटे पर काम | आखिर कटे तो पक्षी होता, बताओ मेरा नाम |
उत्तर – कागज
एक बूढ़े के बारह बच्चे, कोई छोटे तो कोई लंबे | कोई गर्म और कोई ठंडे, बताओ नहीं तो खाओ डंडे |
उत्तर – साल
100 छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित |
100 हंसाने वाली पहेलियां |
100 छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित |
100 दिमागी पहेली उत्तर सहित |
शरीर है इसका लंबा-लंबा, मुख है कुछ-कुछ गोरा | पेट में जिसके है काली डंडी, नाम लिखे हैं वो मेरा |
उत्तर – पेंसिल
चार पैर रखती हूँ, लेकिन कहीं न जाती हूँ | ऑफिस हो या हो संसद, हर जगह फसाद कराती हूँ |
उत्तर – कुर्सी
मध्य काट कर मली गई, प्रथम काट कर छली गई | पानी में रह कर सुख भोगा, बाहर आकर तली गई |
उत्तर – मछली
वाणी में गुण बहुत है, पर मुझसे अच्छा कौन? सारे झगड़ों को टालूँ , बतलाओ मैं कौन?
उत्तर – मौन
गुलाबी नगर सदियों से, सबके मन को भाता | हवामहल के कारण हीं वो पहचाना जाता।
उत्तर – जयपुर
कद लंबा और रूप गोल है, आए काम जब आती रात | रोती जलती खड़ी-खड़ी, कभी न पूछे कोई बात |
उत्तर – मोमबत्ती
मैं एक बीज हूँ, तीन अक्षर है मेरे | दो दल वाला अन्न हूँ, दाल बनाकर खाते हो |
उत्तर – मटर
देकर एक झटका, फाँसी पर लटका | इंकलाब का शोला, जिंदाबाद बोला |
उत्तर – भगत सिंह
जो तुझमें है, वह उसमें नहीं, जो झण्डे में है, वह डण्डे में नहीं |
उत्तर – “झ”
हमने देखा ऐसा बंदर, उछले जो पानी के अंदर |
उत्तर – मेंढक
बिल्ली की पूँछ हाथ में, बिल्ली रहे इलाहाबाद में |
उत्तर – पतंग
जब भी आए, होश उड़ाए, फिर भी कहते हैं कि आए |
उत्तर – नींद
पंख नहीं पर उड़ती हूँ, हाथ नहीं पर लड़ती हूँ |
उत्तर – पतंग
डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव, चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
उत्तर – रेलगाड़ी
कमर पतली है, पैर सुहाने, कहीं गए होंगे बीन बजाने |
उत्तर – मच्छर
राजा के महल में रानी पचास, सिर पटके दीवार से, जलकर होए राख |
उत्तर – माचिस
मुझको उल्टा करके देखो, लगता हूँ मैं नौजवान | कोई पृथक नहीं रहता, बूढ़ा बच्चा या जवान |
उत्तर – वायु
सिर काट दो, मन दिखता हूँ, पैर काट दो, आदर बना दूँ | पेट काट दो, कुछ न बताता, प्रेम से अपना शीश नवाता |
उत्तर – नमन
लाल-लाल आँखें, लंबे-लंबे कान | रुई का फुहासा, बोलो क्या है उसका नाम ?
उत्तर – खरगोश
तीन अक्षर का शहर हूँ, विश्व में प्रसिद्ध हूँ | अंत कटे तो आग बन जाऊँ,मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ |
उत्तर – आगरा