100+ छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित | Short Paheliyan with Answer

छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित

हम यहाँ बच्चों के लिए छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित लेकर आए हैं ताकि वे इन पहेलियों को आसानी से हल करें और आनंद ले पाएँ |


100+ छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित | Short Paheliyan with Answer


वह क्या है, जो आपके पास जितना ज्यादा होगा, आप उतना हीं कम देख सकेंगे?

उत्तर – अँधेरा


वह क्या है, जो है तो सोने की, मगर सोने से बहुत सस्ती है?

उत्तर – चारपाई


ऐसी कौन-सी चीज है, जो जगे रहने पर ऊपर रहती है और सो जाने पर नीचे रहती है?

उत्तर – पलक


ऐसी कौन-सी जगह है, जहां 10 लोग जाते हैं और 9 लोग आते हैं?

उत्तर – श्मशान/कब्रिस्तान


ऐसी कौन-सी चीज है, जो लड़कियाँ बिना पैसे लिए नहीं देती?

उत्तर – शादी के दिन दूल्हे के जूते


एक गिरस्थन ऐसी देखी, चूल्हा करे ना चक्की | भर-भर घड़े चासनी रखती, अपनी धुन की पक्की |

उत्तर – मधुमक्खी


बच्चों से प्यार करें, गुलाब रखे हमेशा | प्रथम प्रधानमंत्री बने, बताओ कौन है ऐसा?

उत्तर – जवाहरलाल नेहरू


कश्मीर का इतिहास है जिसमें, ऐसी पुस्तक न्यारी | कल्हण ने लिखा है जिसको, याद करे दुनिया सारी |

उत्तर – राजतरंगिणी


तीन अक्षर ऐसे मिल जाएँ, ऐसे यंत्र का नाम बनाएँ | जिससे दूरी घटती जाती, गुल्लो अपनी मंजिल पाती |

उत्तर – पहिया


ऐसा आसन एक अनोखा, जीवन लंबा करने वाला | तन – मन अपना स्वस्थ बनाओ, नाम बताओ सोनू लाला |

उत्तर – प्रणायाम


ऐसे आकाशीय पिंड, गैस से जो सब बनते | स्वयं का ऊष्मा प्रकाश है, नभ में खूब चमकते |

उत्तर – तारा


एक अनोखा है चौपाया, भारी भरकम उसकी काया | नहीं सवारी का कुछ काम, पानी हीं है उसका धाम |

उत्तर – दरियाई घोड़ा


कही जाती है “रेडियम महिला”, मिला दो बार नोबल सम्मान | नाम बता दो इस महिला का, तो समझू मैं तुम्हें बुद्धिमान |

उत्तर – मैडम क्यूरी


ऊपर से कुछ हरा-भरा, अंदर से है भरा-भरा | छिलके दूर हटा लो जी, बीज नहीं है खा लो जी |

उत्तर – केला


काला हूँ, मतवाला हूँ, और मधुर रस वाला हूँ | तीन वर्ण का नाम बना, मध्य हटा तो जान बना |

उत्तर – जामुन


सूर्य हैं मेरे पिता, वर्षा की बूंदें माता | झुका धनुष सा मेरा अंग, मेरे कपड़ों में सातों रंग |

उत्तर – इन्द्रधनुष


लाल रंग की गेंद, मोती भरे हजार | शबनम जैसा चमके, भीतर से रसदार |

उत्तर – अनार


सीधा अगर पढ़ो जो मुझको, काट-काट खाकर मुस्काओ | उल्टा अगर पढ़ो तो मिलकर, रक्षाबंधन पर्व मनाओ |

उत्तर – खीरा


पगड़ी ओढ़े, पगड़ी छोड़े, कैसा मुर्दा आया | पड़ा धरा पर नाच दिखाए, अजब है इसकी काया |

उत्तर – लट्टू


गोल- गोल से छोटे फल हम, जो भी खाए वो माने | खाने लगो, ढेर सारा खा जाओ, स्वाद बस लोमड़ी जाने |

उत्तर – अंगूर


एक मुर्गा आता है, चल – चल कर रूक जाता है | चाकू लाओ गर्दन काटो, फिर चलने लग जाता है |

उत्तर – पेन्सिल


देख सूरज की जो रोशनी, अपनी गर्दन को है मोड़े | उस फूल का नाम बतलाना, पाप लगे जो उसको तोड़े |

उत्तर – सूरजमुखी


एक चीज ऐसी कहलाए, हर कोई मजबूरी में खाए | पर कैसी मजबूरी हाय, खाकर भी भूखा रह जाए |

उत्तर – कसम


देश का दिल बना जो, बसा यमुना किनारे | शहर बड़ा अलबेला, करे सबको इशारे |

उत्तर – दिल्ली


अमर जवान ज्योति जलती, युद्ध स्मारक इसकी पहचान |  भारत के ये दिल में बसता, जल्दी बताओ इसका नाम |

उत्तर – इंडिया गेट


मेरे नाम के दो हैं मतलब, दोनों के है अर्थ निराले | एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं, एक अर्थ में पालने वाले |

उत्तर – पालक


इसने दिया, उसने लिया, चलती रही हर बार | मेरे बिना सुना लागे, पूरा ये संसार |

उत्तर – रुपया


पहरेदार तुम्हारे घर का, दिन सोऊँ न रात | अंदर बाहर जाते लोग, रखते मुझपे हाथ |

उत्तर – दरवाजा


एक अक्षर का नाम मेरा, अंगारे बरसाऊँ | हवा के साथ आती हूँ, बोलो क्या कहलाऊँ |

उत्तर – लू


नवाबों का शहर है वो, तहजीब की पहचान | गोमती किनारे बसता, करे सबका सम्मान |

उत्तर – लखनऊ


प्रथम काट कर “गाली” है, उसकी मां भी “काली” है | फिर भी भारतवासी है, अपना प्यारा साथी है |

उत्तर – बंगाली


मोटी घनी पूंछ पीठ पर, काली-काली रेखा है | दोनों हाथों में उसको मैंने फल खाते देखा है |

उत्तर – गिलहरी


देश भी हूँ, औजार भी हूँ, खींचो अगर तो हूँ पानी | अढ़ाई अक्षर का नाम है वो, पूछ रही मेरी नानी |

उत्तर – बर्मा


कठोर भी हूँ और महंगा भी, उल्टा कर दो सफर करूं | करवा दूँ सबमें झगड़ा, मुंह में रख लो प्राण हरूं |

उत्तर – हीरा


उल्टा करो नदी की धारा, सीधा रखो तो देवी | पीताम्बर के साथ रहूँ मैं, नाम बताओ मेरा |

उत्तर – राधा


जीभ नहीं है फिर भी बोले, पैर नहीं पर जंग में डोले | राजा-रंक सभी को भाता, जब आता है खुशियाँ लाता।

उत्तर – रुपया


एक है ठगनी करे कमाल, दिखती हरी, लिखती लाल | स्याही नहीं, न रंग गुलाल, बात जरा सी लगे सवाल |

उत्तर – मेंहदी


सब्जियों का राजा हूँ मैं, खाए मुझको लालू , शालू | कार्बोहाइड्रेट खूब मैं देता, बच्चों मैं क्या कहलाता |

उत्तर – आलू


अंदर सफेद बाहर लाल, मैं सब्जी हूं एक कमाल | मुझको छीलो आंसू आए, बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ |

उत्तर – प्याज


ना हूँ फिगर, ना हीं लेडी, लोग कहे मुझे लेडी फिंगर | मैं सब्जी हूँ एक निराली, खूब विटामिन मेरे अंदर |

उत्तर – भिंडी


पाषाण की आकृति में, टोर खड़े हैं चहूं ओर | राष्ट्र चिह्न बना अद्भुत, नाम बताओ बिना शोर |

उत्तर – अशोक स्तंभ


जय हिंद का नारा दिया, आजीवन किया संघर्ष तमाम | नेताजी वो कहलाए, बताओ जी उनका नाम |

उत्तर – सुभाषचन्द्र बोस


चाय में डालो टेस्ट बढ़ाओ, सर्दी-जुकाम सब दूर भगाओ | चार अक्षर का मेरा नाम, नाम बताओ भोलू राम |

उत्तर – अदरक


एक किले में चोर बसे हैं, सबका मुंह है काला | पूंछ पकड़ कर आग लगाई, झट कर दिया उजाला |

उत्तर – माचिस


काशी में मैं रहू अकेला, कलकत्ता में दो-दो | दिल्ली में नहीं पाओगे तुम, कानपुर में खोजो |

उत्तर –


बचपन जवानी हरी भरी, बुढ़ापा हुआ लाल, हरी थी तब फूटी थी जवानी, लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल |

उत्तर – मिर्ची


रात्रि बेला के आते हीं, भरते खूब उड़ान | जलते-बुझते दीप सरीखे, बारिश के हम मेहमान |

उत्तर – जुगनू


मैं कागज का ऐसा टुकड़ा, ठुमक-ठुमक कर जाऊँ | हर-शहर और गांव-गांव में सबके संदेश पहुंचाऊँ |

उत्तर – पत्र


खुशबू उसकी सबसे न्यारी, कलियां भी लगती है प्यारी | फूल बड़ा हीं यह है सुंदर, गुलकंद इसका पान के अंदर |

उत्तर – गुलाब


जिसके आँगन में जीवन संभव, जिसको नील ग्रह सब माने | जो सूरज के आगे-पीछे घूमें, नाम बताओ तो हम माने |

उत्तर – पृथ्वी


छू जाने से हीं यह शारमाए, देख रूप अपना हीं इतराए | छोटा फूल बड़ा शर्मिला यहीं, फूल बताओ ये क्या कहलाए |

उत्तर – छुई-मुई


कश्मीर का फल है यह न्यारा, हिमाचल में सभी का यह प्यारा | हरा-लाल रंग इसका अनोखा, लौह खनिज का अनुपम भंडारा |

उत्तर – सेब


पीले रंग से गहरा नाता, मेरी रंगत सबको भाती | घरती ओढ़ती मेरी चुनरी, वसंत ऋतु में आती |

उत्तर – सरसों


चिड़िया सी आंगन में चहके, फुलवारी सा जिससे घर महके | अपनी होते हुए पराई, क्या कुछ-कुछ समझ में आई |

उत्तर – बिटिया


एक कटोरी चूने के पानी को, अगर मुँह से फूंका जाए | मुँह से निकली कौन-सी गैस, जिससे पानी दुधिया हो जाए |

उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड


रूई जैसा लगता, फिर भी रूई नहीं | भरा लबालब पानी, फिर भी रूई नहीं |

उत्तर – बादल


चार अक्षर से बनकर मैं तो, आया सबके हाथ में | बात करो या गाने सुनो,रखना अपने साथ में |

उत्तर – मोबाइल