हम जानते हैं आप मजेदार पहेलियों को खोजते-खोजते यहाँ तक आए हैं, तो समझिए कि आपकी तलाश खत्म हुई | आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, यहाँ पर हमने आपके मनोरंजन के लिए 1000+ Majedar Paheliyan in Hindi with Answer का बेहतरीन खजाना तैयार किया है |
वह क्या है, जो ऊपर नीचे होता है मगर हिलता नहीं?
उत्तर – तापमान
वह क्या है, जिसमें से आप सब ले लेंगे फिर भी कुछ बच जाएगा?
उत्तर – सबकुछ
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे हम पानी के अंदर खाते हैं?
उत्तर – गोता
ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या?
उत्तर – मशरूम
ऐसी कौन-सी सब्जी है, जिसे उल्टा पढ़ने पर लड़की का नाम आता है?
उत्तर – खीरा
कोई इंसान 30 दिन तक नींद लिए बिना कैसे रह सकता है?
उत्तर – रात में नींद लेकर
ऐसी कौन-सी चीज है, जो पैदा होते हीं बिना पैरों के उड़ने लगती है?
उत्तर – धुँआ
वह कौन-सा फूल है, जिसके पास कोई रंग और महक नहीं है?
उत्तर – अप्रैल फूल
ऐसी कौन-सी चीज है, जो जून में होती है दिसंबर में नहीं, आग में होती है लेकिन पानी में नहीं?
उत्तर – गर्मी
वह क्या है, जो आपके पास जितना ज्यादा होगा, आप उतना हीं कम देख सकेंगे?
उत्तर – अँधेरा
ऐसी कौन-सी सब्जी है, जिसे उल्टा पढ़ने पर लड़की का नाम आता है?
उत्तर – खीरा
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसका आकार तो है लेकिन भार कुछ भी नहीं है?
उत्तर – अक्षर
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसकी आँखों में अंगुली डालो तो वह अपना मुँह खोल देती है?
उत्तर – कैंची
अगर आप अँधेरे कमरे में एक मोमबत्ती, एक लालटेन और एक दीया के साथ हैं तो सबसे पहले आप क्या जलाएँगे?
उत्तर – माचिस
वह क्या है, जिसे हम हमेशा काटते रहते हैं मगर कभी उसके टुकड़े नहीं कर सकते?
उत्तर – समय
वह क्या है, जो हमेशा बढ़ती रहती है लेकिन कभी कम नहीं होती है?
उत्तर – उम्र
एक ऐसा सवाल, जिसका जवाब कोई हाँ में नहीं दे सकता?
उत्तर – क्या आप मर गए हैं?
ऐसी कौन-सी चीज है, जो बाँटने से बढ़ती है?
उत्तर – ज्ञान
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे बनाने में काफी वक्त लगता है लेकिन टूटने में एक पल भी नहीं लगता?
उत्तर – भरोसा
ऐसी कौन-सी चीज है, जो बारिश में चाहे जितनी भींगे, वह कभी गीली नहीं हो सकती?
उत्तर – पानी
ऐसी कौन-सी चीज है, जो आँखों के सामने आने से आँखें बंद हो जाती है?
उत्तर – रौशनी
ऐसी कौन-सी जगह है, जहां 10 लोग जाते हैं और 9 लोग आते हैं?
उत्तर – श्मशान/कब्रिस्तान
ऐसी कौन-सी चीज है, जो लड़कियाँ बिना पैसे लिए नहीं देती?
उत्तर – शादी के दिन दूल्हे के जूते
वह क्या है, जो है तो सोने की, मगर सोने से बहुत सस्ती है?
उत्तर – चारपाई
ऐसी कौन-सी चीज है, जो जगे रहने पर ऊपर रहती है और सो जाने पर नीचे रहती है?
उत्तर – पलक
ऐसी कौन-सी चीज है, जो पति अपनी पत्नी को दे सकता है मगर पत्नी अपने पति को नहीं दे सकती?
उत्तर – उपनाम (Surname)
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे आप दिन भर उठाते और रखते हैं | इसके बिना आप कहीं जा नहीं सकते?
उत्तर – कदम
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे व्यक्ति अपनी माँ – बहन और अन्य औरतों की टूटते हुए देख सकता है मगर अपनी पत्नी की नहीं?
उत्तर – चूड़ियाँ
मैं एक आदमी को दो बना देता हूँ मैं क्या हूँ?
उत्तर – दर्पण
वह कौन है, जो दिन में होता है लेकिन रात में नहीं?
उत्तर – सूरज
वर्ष में एक बार क्या होता है?
उत्तर – वार्षिक
ऐसी कौन-सी चीज है, जो सोने की है मगर सुनार की दुकान पर नहीं मिलती?
उत्तर – तकिया और चारपाई
ऐसा कौन-सा शहर है, जो हम खा सकते हैं?
उत्तर – शिमला
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसके पैर नहीं होते हैं?
उत्तर – सीढ़ियाँ
वह क्या है, जो देने से बढ़ता है?
उत्तर – ज्ञान
रात में बिना बुलाए क्या निकलता है?
उत्तर – सितारा
कितने महीने ऐसे है, जिसमें 28 दिन होते हैं?
उत्तर – 12 महीने
सप्ताह में दो बार क्या आता है?
उत्तर – E (Week)
ऐसा कौन-सा चीज है, जो फटने पर आवाज नहीं करता है?
उत्तर – दूध
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे एक बार पहनने के बाद उतारा नहीं जा सकता?
उत्तर – कफ़न
ऐसी कौन-सी चीज है, जो बढ़ती है घटती नहीं?
उत्तर – उम्र
अंग्रेजी का ऐसा कौन-सा शब्द है, जो डेढ़ किलोमीटर लंबा है?
उत्तर – Mile
ऐसी कौन-सी चीज है, जो धूप में सूखती नहीं है?
उत्तर – पसीना
ऐसा कौन-सा जानवर है, जो जूते पहनकर सोता है?
उत्तर – घोड़ा
ऐसी कौन-सी चीज है, जो बहुत ख़राब मानी जाती है मगर भी लोग उसे पीने के लिए कहते हैं?
उत्तर – गुस्सा
वह कौन है, जो मन में है, दिल में है, पर धड़कन में नहीं है?
उत्तर – आमिर खान
ऐसा कौन-सा फल है, जो मीठा होने के बाद भी बाजार में नहीं बिकता है?
उत्तर – सब्र का फल
ऐसी कौन-सी चीज है, जो सुबह में हरी, दोपहर में काली, शाम में नीली और रात में हरी दिखाई देती है?
उत्तर – बिल्ली की आँख
ऐसा कौन-सा सवाल है, जिसका जवाब हर वक्त बदलता रहता है?
उत्तर – समय क्या हुआ है?
ऐसा कौन-सा वाहन है, जो आपके ऊपर से चला जाता है फिर भी आपको कुछ नहीं होता है?
उत्तर – हवाई जहाज
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे बिना तोड़े इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है?
उत्तर – अंडा
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे हम बंद तो कर सकते है लेकिन खोल नहीं सकते?
उत्तर – अलार्म
ऐसा क्या है, जिसके हाथ पैर नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी वो चढ़ती और उतरती है?
उत्तर – शराब
वह क्या चीज है, जिसके पास Head और Tail है पर शरीर नहीं है ?
उत्तर – सिक्का
वह क्या है, जो बाहर मुफ्त में और अस्पताल में पैसों से मिलती है?
उत्तर – ऑक्सीजन
कोई ऐसे अनाज का नाम बताइए, जिसका नाम एक तीर्थस्थल के नाम पर हो और वहाँ पर दुनिया भर से लोग जाते है?
उत्तर – मक्का
ऐसी कौन-सी ड्रेस है, जिसे हम कभी पहन नहीं सकते हैं?
उत्तर – एड्रेस (Address)
एक छोटा सा फकीर, जिसके पेट में लकीर |
उत्तर – गेहूँ
ऐसी क्या चीज़ है, जिसके पास शब्द बहुत हैं लेकिन बोलती नहीं?
उत्तर – किताब
ऐसी कौन-सी सब्जी है, जिसमें ताला और चाबी दोनों आते हैं?
उत्तर – लौकी
ऐसी कौन-सी भाषा है, जिसको खाया जाता है?
उत्तर – चीनी
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे लोग काटते हैं, पीसते हैं और बाँटते हैं मगर खाते नहीं हैं?
उत्तर – ताश के पत्ते
वह क्या है, जो दिखता नहीं मगर सबसे काला है?
उत्तर – कलंक
वह कौन-सी चीज है, जिसे काटते हीं लोग गाने लगते हैं?
उत्तर – केक
वह क्या है, जिसे खाते हीं आप लाल हो जाते हैं और पीते हीं शांत हो जाते हैं?
उत्तर – क्रोध
वह क्या है, जो लोग अपने से ज्यादा दूसरों का लेते हैं?
उत्तर – नाम
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसके पास रिंग तो है मगर पहनने के लिए ऊँगली नहीं है?
उत्तर – मोबाईल
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसको जितना खींचा जाता है, वो उतनी हीं छोटी होती जाती है |
उत्तर – सिगरेट
ऐसा शब्द बताइए कि जिससे फूल, मिठाई और फल बन जाए?
उत्तर – गुलाब जामुन
वो कौन है, जिसका पेट फूला हुआ है मगर वो दवाई नहीं खाता और दिन-रात बिस्तर पर हीं लेटा रहता है?
उत्तर – तकिया
ऐसा कौन-सा फल है, जिसमें न हीं कोई बीज और न हीं कोई छिलका होता है |
उत्तर – शहतूत
ऐसी कौन-सी चीज है, जो समुद्र में पैदा होती है और आपके घर में रहती है?
उत्तर – नमक
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे हम निगले तो जिंदा रह पाएँ और अगर वह हमें निगले तो हम मर जाएँ |
उत्तर – पानी
वह क्या है, जिसे आप एक बार खाकर दोबारा नहीं खाना चाहते हैं मगर फिर भी खाते हैं?
उत्तर – धोखा
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे आधा खाने पर भी वह पूरी रहती है ?
उत्तर – पूरी
ऐसी कौन-सी जगह है, जहाँ पर सड़क है पर गाड़ी नहीं, जंगल है पर पेड़ नहीं और शहर है पर घर नहीं ?
उत्तर – नक्शा
ऐसी कौन-सी चीज है, जो फ्रीज़ में रखने के बाद भी गरम रहती है?
उत्तर – गरम मसाला
ऐसी कौन-सी चीज है, जो महीने में एक बार आती है मगर सिर्फ 24 घंटे बाद वापस भी चली जाती है?
उत्तर – तारीख
ऐसा कौन-सा फल है, जिसके पेट में दांत होते हैं?
उत्तर – अनार
ऐसी कौन-सी चीज है, जो ठंड में भी पिघलती है?
उत्तर – मोमबत्ती
ऐसा कौन-सा फल है, जो कच्चा होने पर मीठा लगता है और पकने पर खट्टा लगता है?
उत्तर – अन्नानास
वह कौन है, जो जितना भी बूढ़ा हो जाए मगर फिर भी वह जवान हीं रहता है?
उत्तर – सैनिक
ऐसी कौन-सी चीज है, जो दो बार फ्री मिलती है और तीसरी बार पैसे देने पड़ते हैं?
उत्तर – दांत
एक लड़के ने लड़की का नाम पूछा तो लड़की बोली “3-11211” तो बताइए लड़की का असली नाम क्या है?
उत्तर – आशा
वह क्या है, जिसके पास एक आँख है फिर भी वह देख नहीं सकती है?
उत्तर – सुई
ऐसी कौन-सी चीज है, जो पानी पीते हीं मर जाती है?
उत्तर – प्यास/आग
वह कौन-सी चीज है, जो बागों में नहीं खेलती मगर घर की दीवारों पर खेलती है?
उत्तर – छिपकली
ऐसी कौन-सी चीज है, जो लड़की का नाम भी है और लड़की का श्रृंगार भी है?
उत्तर – पायल
एक थाल मोती से भरा, सबके सिर पर औंधा धरा | चारों ओर वह थाली फिरे, मोती उससे एक न गिरे |
उत्तर – आकाश
बत्तीस ईंटों के दुर्ग के भीतर, छिपी एक महारानी | हंसकर बोले, दिलों को जीते, ऐंठे तो याद आए नानी |
उत्तर – जीभ
पीला-पीला रंग मेरा, गोल-मटोल शरीर | बड़े-बड़े वीरों के दांत, करूँ खट्टे महावीर |
उत्तर – नींबू
पैर नहीं तो नग बन जाए, सिर न हो तो गर | यदि कमर कट जाए मेरी, तो हो जाता हूँ नर |
उत्तर – नगर
पीली हरी हवेली एक, उसमें बैठे कालू राम | पेट साफ करता हूँ मैं, बूझो तो जरा मेरा नाम |
उत्तर – पपीता
वन में काटो, वन में छांटो, वन में हुआ हार-श्रृंगार | एक बार जल में उतरे, फिर न देखे घर बार |
उत्तर – नौका
अंत नहीं तो फौज समझिए, आदि नहीं तो बन गया नानी | देश प्रेम के लिए न्यौछावर, उनकी बड़ी महान कहानी |
उत्तर – सेनानी
नींद में मिलूँ, जागने पर नहीं, दूध में मिलूँ, पानी में नहीं | दादी में हूँ, नानी में नहीं, कूदने में मिलूँ, भागने पर नहीं |
उत्तर – “द”
दो इंच का मनीराम, दो गज की पूंछ | जहाँ चले मनीराम, वहाँ चले पूंछ |
उत्तर – सुई-धागा
तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर | आगे तीतर पीछे तीतर, बोलो कितने तीतर?
उत्तर – तीन
धन दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह | जो पाए इसे पंडित बन जाए, इसे बिन पाए मूर्ख रह जाए |
उत्तर – विद्या
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान | आता हूँ खाने के काम, बूझो तो भाई मेरा नाम?
उत्तर – डालडा
हाथ-पैर में पड़ी जंजीर, फिर भी दौड़ लगाती | टेढ़े-मेढ़े रास्तों से, गाँव-गाँव घूमती |
उत्तर – साइकिल
चार खंभे चलते जाएँ, सबसे आगे अजगर | पीछे सबके सांप चल रहा, फिर भी तनिक नहीं है डर |
उत्तर – हाथी
हरा किला है, लाल महल, श्वेत-श्याम सब वासी हैं | भीतर जल-थल में रहते, बाहर से मजबूती है |
उत्तर – तरबूज
नन्हीं कील को ढूंढ निकालूँ, अजब निराली चीज | प्लास्टिक को ढूंढ न पाऊँ, आती मुझको खीज |
उत्तर – चुम्बक
बीस मार्च को दिवस मनाते, चहक-चहक इठलाऊँ | दाना-पानी लोग न रखते,क्या पीऊँ, क्या खाऊँ |
उत्तर – गौरैया
काँच से बनती है, सुन्दर और चमकीली | मम्मी की कलाई में सजती, लाल, हरी, नीली, पीली |
उत्तर – चूड़ियाँ
चुटकी भर डालो मुझे, बढ़िया सोच-विचार | कितनी भी हो स्वादिष्ट सब्जी, मुझ बिन होती बेकार |
उत्तर – नमक
जन्म के बाद आता हूँ, मरने के पहले जाता हूँ | क्रोध में रगड़ा जाता हूँ, भोजन खूब चबाता हूँ |
उत्तर – दाँत
एक शब्द अंग्रेजी का, दस अक्षर होते जिसमें | पाँच व्यंजन हैं शामिल, पाँच स्वर भी होते जिसमें |
उत्तर – Precaution
प्रथम कटे तो मन बनूँ, अंत कटे तो मूल्य | मध्ये कटे सुकर्म हो, ऐसे जीत लूँ सबका दिल |
उत्तर – दामन
मांस नहीं, हड्डी नहीं, सिर्फ उंगलियाँ मेरी | नाम बता भाई कौन हूँ मैं, जानें अक्ल हम तेरी |
उत्तर – दस्ताने
आज यहाँ, कल वहाँ रहे, नहीं किसी के पास रुके | और रुक जाए किसी के घर, तो फिर घुमा देता है सर |
उत्तर – पैसा
झुकी कमर का बूढ़ा, जहाँ ठहर जाए | वहीं पर भाषा रुके, सवाल उभर जाए |
उत्तर – प्रश्नवाचक चिह्न (?)
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान | सुभाष चन्द्र का मैं हूँ गाँव, जल्दी बताओ मेरा नाम?
उत्तर – कटक
एक चीज है ऐसी भैया, मुंह खोले बिन खाई जाए | बिन काटे और बिना चबाए, खानी पड़े रुलाई आए |
उत्तर – पिटाई
चाय गरम है, गरम है पानी, दूध गरम घण्टे बीते | चाहे दिन हो, रात हो चाहे, बड़े मज़े से सब पीते |
उत्तर – थर्मस
ना तो पंख हैं, ना तो पैर हैं, फिर भी चलती पानी में | सबको उनकी मंज़िल पहुँचाती, ज़िक्र भी आता कहानी में |
उत्तर – नाव
एक किले के दो हीं द्वार, जिसके सैनिक लकड़ीदार | दीवार से टकरा गए, तो खत्म उनका संसार |
उत्तर – माचिस
रंग-बिरंगी देह हमारी, भरे पेट में फाहा | जाड़े की कठिन रातों में, सबने मुझको चाहा |
उत्तर – रजाई
अश्व की सवारी, भाला ले भारी | घास की रोटी खाई, जारी रखी लड़ाई |
उत्तर – महाराणा प्रताप
इचक दाना-बीचक दाना, दाने ऊपर दाना | छज्जे ऊपर मोर नाचे, लड़का है दीवाना |
उत्तर – अनार
पक्षी देखा एक अलबेला, पंख बिना उड़ रहा अकेला | बांध गले में लम्बी डोर, नाप रहा अम्बर का छोर |
उत्तर – पतंग
वैसे मैं काला, जलाओ तो लाल | फेंको तो सफेद, खोलो मेरा भेद |
उत्तर – कोयला
घेरदार है लहंगा उसका, एक टांग से रहे खड़ी | सबको उसी की इच्छा होती, हो बरखा या धूप कड़ी |
उत्तर – छतरी
जिसने घर में खुशी मनाई, मुझे बांध कर करी पिटाई | मैं जितनी चीखी-चिल्लाई, उतनी हीं कस कर मार लगाई |
उत्तर – ढोलक
पानी पीकर हवा उगलता, गर्मी में आता हूँ काम | सर्दी में मेरा नाम न लेना, अब बता दो मेरा नाम |
उत्तर – कूलर
दिखने में मैं सींकिया पहलवान, लेकिन गुणों में हूँ बलवान | शीतल, मधुर और तरल रसीला, गांठदार परिधान |
उत्तर – गन्ना
रक्त से सना हूँ, दो अक्षर का नाम है | बहादुर के पहले, जवाहर के बाद, यह मेरी पहचान है |
उत्तर – लाल
एक गिरस्थन ऐसी देखी, चूल्हा करे ना चक्की | भर-भर घड़े चासनी रखती, अपनी धुन की पक्की |
उत्तर – मधुमक्खी
बच्चों से प्यार करें, गुलाब रखे हमेशा | प्रथम प्रधानमंत्री बने, बताओ कौन है ऐसा?
उत्तर – जवाहरलाल नेहरू
कश्मीर का इतिहास है जिसमें, ऐसी पुस्तक न्यारी | कल्हण ने लिखा है जिसको, याद करे दुनिया सारी |
उत्तर – राजतरंगिणी
तीन अक्षर ऐसे मिल जाएँ, ऐसे यंत्र का नाम बनाएँ | जिससे दूरी घटती जाती, गुल्लो अपनी मंजिल पाती |
उत्तर – पहिया
ऐसा आसन एक अनोखा, जीवन लंबा करने वाला | तन – मन अपना स्वस्थ बनाओ, नाम बताओ सोनू लाला |
उत्तर – प्रणायाम
ऐसे आकाशीय पिंड, गैस से जो सब बनते | स्वयं का ऊष्मा प्रकाश है, नभ में खूब चमकते |
उत्तर – तारा
एक अनोखा है चौपाया, भारी भरकम उसकी काया | नहीं सवारी का कुछ काम, पानी हीं है उसका धाम |
उत्तर – दरियाई घोड़ा
कही जाती है “रेडियम महिला”, मिला दो बार नोबल सम्मान | नाम बता दो इस महिला का, तो समझू मैं तुम्हें बुद्धिमान |
उत्तर – मैडम क्यूरी
ऊपर से कुछ हरा-भरा, अंदर से है भरा-भरा | छिलके दूर हटा लो जी, बीज नहीं है खा लो जी |
उत्तर – केला
काला हूँ, मतवाला हूँ, और मधुर रस वाला हूँ | तीन वर्ण का नाम बना, मध्य हटा तो जान बना |
उत्तर – जामुन
सूर्य हैं मेरे पिता, वर्षा की बूंदें माता | झुका धनुष सा मेरा अंग, मेरे कपड़ों में सातों रंग |
उत्तर – इन्द्रधनुष
लाल रंग की गेंद, मोती भरे हजार | शबनम जैसा चमके, भीतर से रसदार |
उत्तर – अनार
सीधा अगर पढ़ो जो मुझको, काट-काट खाकर मुस्काओ | उल्टा अगर पढ़ो तो मिलकर, रक्षाबंधन पर्व मनाओ |
उत्तर – खीरा
पगड़ी ओढ़े, पगड़ी छोड़े, कैसा मुर्दा आया | पड़ा धरा पर नाच दिखाए, अजब है इसकी काया |
उत्तर – लट्टू
गोल- गोल से छोटे फल हम, जो भी खाए वो माने | खाने लगो, ढेर सारा खा जाओ, स्वाद बस लोमड़ी जाने |
उत्तर – अंगूर
एक मुर्गा आता है, चल – चल कर रूक जाता है | चाकू लाओ गर्दन काटो, फिर चलने लग जाता है |
उत्तर – पेन्सिल
देख सूरज की जो रोशनी, अपनी गर्दन को है मोड़े | उस फूल का नाम बतलाना, पाप लगे जो उसको तोड़े |
उत्तर – सूरजमुखी
एक चीज ऐसी कहलाए, हर कोई मजबूरी में खाए | पर कैसी मजबूरी हाय, खाकर भी भूखा रह जाए |
उत्तर – कसम
देश का दिल बना जो, बसा यमुना किनारे | शहर बड़ा अलबेला, करे सबको इशारे |
उत्तर – दिल्ली
अमर जवान ज्योति जलती, युद्ध स्मारक इसकी पहचान | भारत के ये दिल में बसता, जल्दी बताओ इसका नाम |
उत्तर – इंडिया गेट
मेरे नाम के दो हैं मतलब, दोनों के है अर्थ निराले | एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं, एक अर्थ में पालने वाले |
उत्तर – पालक
इसने दिया, उसने लिया, चलती रही हर बार | मेरे बिना सुना लागे, पूरा ये संसार |
उत्तर – रुपया
पहरेदार तुम्हारे घर का, दिन सोऊँ न रात | अंदर बाहर जाते लोग, रखते मुझपे हाथ |
उत्तर – दरवाजा
एक अक्षर का नाम मेरा, अंगारे बरसाऊँ | हवा के साथ आती हूँ, बोलो क्या कहलाऊँ |
उत्तर – लू
नवाबों का शहर है वो, तहजीब की पहचान | गोमती किनारे बसता, करे सबका सम्मान |
उत्तर – लखनऊ
प्रथम काट कर “गाली” है, उसकी मां भी “काली” है | फिर भी भारतवासी है, अपना प्यारा साथी है |
उत्तर – बंगाली
मोटी घनी पूंछ पीठ पर, काली-काली रेखा है | दोनों हाथों में उसको मैंने फल खाते देखा है |
उत्तर – गिलहरी
देश भी हूँ, औजार भी हूँ, खींचो अगर तो हूँ पानी | अढ़ाई अक्षर का नाम है वो, पूछ रही मेरी नानी |
उत्तर – बर्मा
कठोर भी हूँ और महंगा भी, उल्टा कर दो सफर करूं | करवा दूँ सबमें झगड़ा, मुंह में रख लो प्राण हरूं |
उत्तर – हीरा
उल्टा करो नदी की धारा, सीधा रखो तो देवी | पीताम्बर के साथ रहूँ मैं, नाम बताओ मेरा |
उत्तर – राधा
जीभ नहीं है फिर भी बोले, पैर नहीं पर जंग में डोले | राजा-रंक सभी को भाता, जब आता है खुशियाँ लाता।
उत्तर – रुपया
एक है ठगनी करे कमाल, दिखती हरी, लिखती लाल | स्याही नहीं, न रंग गुलाल, बात जरा सी लगे सवाल |
उत्तर – मेंहदी
सब्जियों का राजा हूँ मैं, खाए मुझको लालू , शालू | कार्बोहाइड्रेट खूब मैं देता, बच्चों मैं क्या कहलाता |
उत्तर – आलू
अंदर सफेद बाहर लाल, मैं सब्जी हूं एक कमाल | मुझको छीलो आंसू आए, बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ |
उत्तर – प्याज
ना हूँ फिगर, ना हीं लेडी, लोग कहे मुझे लेडी फिंगर | मैं सब्जी हूँ एक निराली, खूब विटामिन मेरे अंदर |
उत्तर – भिंडी
पाषाण की आकृति में, टोर खड़े हैं चहूं ओर | राष्ट्र चिह्न बना अद्भुत, नाम बताओ बिना शोर |
उत्तर – अशोक स्तंभ
जय हिंद का नारा दिया, आजीवन किया संघर्ष तमाम | नेताजी वो कहलाए, बताओ जी उनका नाम |
उत्तर – सुभाषचन्द्र बोस
चाय में डालो टेस्ट बढ़ाओ, सर्दी-जुकाम सब दूर भगाओ | चार अक्षर का मेरा नाम, नाम बताओ भोलू राम |
उत्तर – अदरक
एक किले में चोर बसे हैं, सबका मुंह है काला | पूंछ पकड़ कर आग लगाई, झट कर दिया उजाला |
उत्तर – माचिस
काशी में मैं रहू अकेला, कलकत्ता में दो-दो | दिल्ली में नहीं पाओगे तुम, कानपुर में खोजो |
उत्तर – क
बचपन जवानी हरी भरी, बुढ़ापा हुआ लाल, हरी थी तब फूटी थी जवानी, लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल |
उत्तर – मिर्ची
रात्रि बेला के आते हीं, भरते खूब उड़ान | जलते-बुझते दीप सरीखे, बारिश के हम मेहमान |
उत्तर – जुगनू
मैं कागज का ऐसा टुकड़ा, ठुमक-ठुमक कर जाऊँ | हर-शहर और गांव-गांव में सबके संदेश पहुंचाऊँ |
उत्तर – पत्र
खुशबू उसकी सबसे न्यारी, कलियां भी लगती है प्यारी | फूल बड़ा हीं यह है सुंदर, गुलकंद इसका पान के अंदर |
उत्तर – गुलाब
जिसके आँगन में जीवन संभव, जिसको नील ग्रह सब माने | जो सूरज के आगे-पीछे घूमें, नाम बताओ तो हम माने |
उत्तर – पृथ्वी
छू जाने से हीं यह शारमाए, देख रूप अपना हीं इतराए | छोटा फूल बड़ा शर्मिला यहीं, फूल बताओ ये क्या कहलाए |
उत्तर – छुई-मुई
कश्मीर का फल है यह न्यारा, हिमाचल में सभी का यह प्यारा | हरा-लाल रंग इसका अनोखा, लौह खनिज का अनुपम भंडारा |
उत्तर – सेब
पीले रंग से गहरा नाता, मेरी रंगत सबको भाती | घरती ओढ़ती मेरी चुनरी, वसंत ऋतु में आती |
उत्तर – सरसों
चिड़िया सी आंगन में चहके, फुलवारी सा जिससे घर महके | अपनी होते हुए पराई, क्या कुछ-कुछ समझ में आई |
उत्तर – बिटिया
एक कटोरी चूने के पानी को, अगर मुँह से फूंका जाए | मुँह से निकली कौन-सी गैस, जिससे पानी दुधिया हो जाए |
उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड
रूई जैसा लगता, फिर भी रूई नहीं | भरा लबालब पानी, फिर भी रूई नहीं |
उत्तर – बादल
चार अक्षर से बनकर मैं तो, आया सबके हाथ में | बात करो या गाने सुनो,रखना अपने साथ में |
उत्तर – मोबाइल
मैं हूँ एक ऐसा तारा, धूप सभी को देता हूँ | सभी ग्रहों का मुखिया हूँ मैं, तुमसे कुछ न लेता हूँ |
उत्तर – सूरज
जय जवान जय किसान, किसका था नारा? कौन था वह ईमानदार, देश का दुलारा?
उत्तर – लाल बहादुर शास्त्री
अलग-अलग पर एक हीं नाम, रूप एक सा एक हीं काम | कुछ ना बोले लेकिन सुनते संग, हम दोनों के बीच सुरंग |
उत्तर – कान
बारह कदम चलकर रुक जाती, फिर कोई दूसरी आती | ये क्रम सदा बना रहता है, उसको मनुज क्या कहता है |
उत्तर – साल
एक चीज़ का सस्ता रेट, लम्बी गर्दन, मोटा पेट | पहले अपना पेट भरे, फिर सबकी प्यास बुझाए |
उत्तर – सुराही
सुबह-सुबह सबके घर जाताा, कदम कदम हरि के गुण गाता | पाता कुछ बहुत दे जाता, पहेली का है किससे नाता |
उत्तर – भिखारी
तरुवर में शान इनकी, सकल अंग कड़वापन | जड़ से होती औषधि, बताओ तो बेटा चुन्नू |
उत्तर – नीम का पेड़
धीरे-धीरे वह चलता है, पेड़ों पर भी चढ़ता है | ओढ़े इक काली रजाई, मजे से खाए रस-मलाई |
उत्तर – भालू
तीन नदियों का मेल निराला, उससे निकली न्यारी धारा | उस धारा का नाम बताओ, तभी बच्चों टॉफी पाओ |
उत्तर – संगम
नदी किनारे खड़ा रहे, मारे एकटक नैन | जब तक मीन न पकड़े, न मिले उसे चैन |
उत्तर – बगूला
तनी है चादर जिसके ऊपर, पड़ने ना दे पानी हम पर |
उत्तर – छाता
राजा के बाग में नहीं, पर राजकीय कहलाए | मानुष बोली बोले, अपनी पहचान बतलाए |
उत्तर – मैना
अंडा बिके बीच बाजार, दर्जन भर सौ पचास | बन तंदूरी और कबाब, स्वाद लगे खासम-खास |
उत्तर – मुर्गी
वर्गाकार खेत में होते, बीस कुशल मजदूर | खेत के हर कोने में, होते कुएँ दूर-दूर |
उत्तर – कैरम बोर्ड
तीन अक्षरों का नाम, उल्टा-सीधा एक समान | नदी-ताल की आन, राष्ट्र की है एक शान |
उत्तर – जलज
फल के अन्दर बिस्तर अपना, छिपे-छिपे हम सोए रहते | मिट्टी में मिलकर हम उग आते, बताओ तो हम क्या हैं?
उत्तर – बीज
एक छोटे कद का जानवर, कहते कम अक्ल का | पर होता मेहनतकश, घोड़े का हमशक्ल का |
उत्तर – गधा
धरती पर खड़ा मैं रहता, सबको हूँ जीवन मै देता | गन्दी हवा को सोख मैं लेता, शुद्ध हवा बदले में देता |
उत्तर – पेड़
सिर संग भी है नाता मेरा, बिस्तर से भी नाता | बोझ उठा कर आपका मैं, मीठी नींद सुलाता |
उत्तर – तकिया
काले कपड़े कड़वी बोली, लेकिन चतुर कहलाता हूँ | पाल पराए बच्चों को मैं, मूर्ख भी बन जाता हूँ |
उत्तर – कौआ
एक ऐसा जीव धरती पर, होता रस्सीनुमा बदन | कान जिसके होते हीं नहीं, सर पर बनता फन |
उत्तर – साँप
सर्दी आए मुझको पाओ, जुकाम सब दूर भगाओ | अंग्रेजों की खोज निराली, चुस्ती-फुर्ती देने वाली |
उत्तर – चाय
पीकर पानी पेट भर, फेफड़े कर लूँ तर | मुंह से फिर फेंकू हवा, ठंडा हो जाए घर |
उत्तर – कूलर
जून माह का तारीख एक, प्रथम सप्ताह में रहता | पर्यावरण सुरक्षा की बात, हर कोई जरूर कहता |
उत्तर – 5 जून
बालक में मैं इक बार, बलशाली में आऊँ दुबारा | नहीं मिलूँगा तुम्हें बजट में, बताओ तो मैं कौन हूँ यारा |
उत्तर – ल
तीन पैर जिसके, थोड़ा-थोड़ा खिसके | चौबीस घंटे करे काम, करे नहीं तनिक आराम |
उत्तर – घड़ी
सबसे छोटी जीव कहलाऊँ, घर-घर में मैं पाई जाऊँ | मीठा मेरा प्रिय आहार, मेहनत करना मेरा काम |
उत्तर – चींटी
प्रथम कटे तो लीन हो जाऊँ, मध्य कटे चावल बन जाऊँ | अंत कटे तो भार हो जाऊँ, किसी देश का नाम कहाऊँ |
उत्तर – भारत
पुरुषों के है सिर पर सजती, हर रंग में हैं ये मिलती | सिखों का तो है यह मान, बोलो बच्चो इसका नाम |
उत्तर – पगड़ी
दूध का पोता, दही का बच्चा, सब पीते हैं उसे कच्चा |
उत्तर – लस्सी
दूर की वस्तु का दर्शन, विज्ञान का एक चमत्कार | बता रानी! क्या है? जे एल बेयर्ड का अविष्कार ?
उत्तर – दूरदर्शन
मुर्गी अंडा देती है, गाय दूध देती है | तो ऐसा कौन है, जो अंडा और दूध दोनों देता है |
उत्तर – दुकानदार
भक्त उन्हें पूजते हैं, पर वे कोई भगवान नहीं | एक कुशल खिलाड़ी तो हैं हीं, इसमें कोई हैरान नहीं |
उत्तर – सचिन तेंदुलकर
न कोई छोटी, न कोई बड़ी, सात सहेलियों की टोली | मिलकर रहते सारे, जैसे दामन और चोली |
उत्तर – सप्ताह के दिन
नए जमाने का बच्चा हूँ, पर कान का कच्चा हूँ | तुम जो कहते इस पार, पहुँचा देता हूँ उस पार |
उत्तर – टेलीफोन
छोटा सा धागा, बात लेकर भागा |
उत्तर – टेलीफोन
छोटे से हैं लट्टू दास, वस्त्र पहने सौ-पचास |
उत्तर – प्याज
दो अक्षर की मैं बहना, उल्टा सीधा एक रहना |
उत्तर – दीदी
वह क्या है, जो हमेशा पीटने के लिए हीं बना है?
उत्तर – ढोल
दिखता नहीं पर पहना है, यह नारी का गहना है |
उत्तर – लज्जा
करता नहीं लड़ाई, फिर भी होती पिटाई |
उत्तर – ढोलक
हाथी फरवरी के बजाय जनवरी में ज्यादा पानी क्यों पीता है?
उत्तर – क्योंकि जनवरी में ज्यादा दिन होते हैं |
सूर्य ने पृथ्वी पर अभी तक क्या नहीं देखा है?
उत्तर – अँधेरा
अरुण टीना के पिता है तो अरुण टीना के पिता का क्या है?
उत्तर – नाम
उत्तर क्या है?
उत्तर – “उत्तर” एक दिशा है |
पचास और पचीस में क्या अंतर है?
उत्तर – ई की मात्रा
एक प्लेट में तीन चम्मच |
उत्तर – पंखा
चौकी पर बैठी एक रानी | सिर पर आग, बदन में पानी |
उत्तर – मोमबत्ती
जल से भरा एक मटका, जो है सबसे ऊँचा लटका | पी लो पानी है मीठा, जरा नहीं है खट्टा |
उत्तर – नारियल
लाल हूँ मैं, खाती हूँ सूखी घास | पानी पीकर मर जाऊँ, जल जाए जो आए मेरे पास |
उत्तर – आग
सफेद तन, हरी पूँछ, न बुझे तो नानी से पूछ |
उत्तर – मूली
चार अक्षर का मेरा नाम, टिमटिम तारे बनाना काम | शादी, उत्सव या हो त्यौहार, सब जलाएँ बार – बार |
उत्तर – फूलझड़ी
तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा, न किराया दूँगी, घर के हर कमरे में रहूँगी | पकड़ न मुझको तुम पाओगे, मेरे बिन तुम न रह पाओगे |
उत्तर – हवा
पत्थर पर पत्थर, पत्थर पर पैसा | बिना पानी के घर बनाए, वह कारीगर कैसा |
उत्तर – मकड़ी
काला रंग मेरी है शान, सबको मैं देता हूँ ज्ञान | शिक्षक करते मुझ पर काम, नाम बताकर बनो महान |
उत्तर – ब्लैकबोर्ड
टोपी है हरी मेरी, लाल है दुशाला | पेट में अजीब लगी, दानों की माला |
उत्तर – मिर्च
सर है, दुम है, मगर पाँव नहीं उसके | पेट है, आँख है, मगर कान नहीं उसके |
उत्तर – साँप
सींग हैं पर बकरी नहीं, काठी है पर घोड़ी नहीं | ब्रेक हैं पर कार नहीं, घंटी है पर किवाड़ नहीं |
उत्तर – साईकिल
एक फूल है काले रंग का, सिर पर सदा सुहाए | तेज धूप में वो खिल जाता, छाया में मुरझाए |
उत्तर – छाता
जन्म दिया रात ने, सुबह ने किया जवान | दिन ढलते हीं, निकल गई इसकी जान |
उत्तर – अख़बार
तीन अक्षर का मेरा नाम, खाने के आता हूँ काम | मध्य कटे हवा हो जाता, अंत कटे तो हल कहलाता |
उत्तर – हलवा
धूप देख मैं आ जाऊँ, छाँव देख शर्मा जाऊँ | जब हवा करे मुझे स्पर्श, मैं उसमे समा जाऊँ |
उत्तर – पसीना
दुनिया भर की करता सैर, धरती पे ना रखता पैर | दिन में सोता, रात में जागता, रात अँधेरी मेरी बगैर |
उत्तर – चाँद
सबके हीं घर ये जाए, तीन अक्षर का नाम बताए | शुरु के दो अति हो जाए, अंतिम दो से तिथि बन जाए |
उत्तर – अतिथि
मध्य कटे तो बनता कम, अंत कटे तो कल | लेखन में आती काम, सोचो तो क्या मेरा नाम |
उत्तर – कलम
चार टाँग की हूँ एक नारी, छलनी सम मेरे छेद | पीड़ित को आराम मैं देती, बतलाओ भैया यह भेद |
उत्तर – चारपाई
पानी से निकला पेड़ एक, पात नहीं पर डाल अनेक | इस पेड़ की ठंडी छाया, बैठ के नीचे उसको पाया |
उत्तर – फव्वारा
काला मुँह, लाल शरीर, कागज को वो खा जाता | रोज शाम को पेट फाड़कर, कोई उन्हें ले जाता |
उत्तर – लेटर बॉक्स
सुंदर-सुंदर ख़्वाब दिखाती, पास सभी के रात में आती | थके हुए को दे आराम, जल्द बताओ उसका नाम |
उत्तर – नींद
लंबा तन और बदन है गोल, मीठे रहते मेरे बोल | तन पे मेरे होते छेद, भाषा का मैं न करूँ भेद |
उत्तर – बाँसुरी
एक साथ आए दो भाई, बिन उनके दूर शहनाई | पीटो तब वह देते संगत, फिर आए महफ़िल में रंगत |
उत्तर – तबला
उछले दौड़े कूदे दिनभर, यह दिखने में बड़ा हीं सुंदर | लेकिन नहीं ये भालू बंदर, अपनी धुन में मस्त कलंदर | इसके नाम में जुड़ा है रन, घर हैं इसके सुंदर वन |
उत्तर – हिरण
रंग बिरंगा बदन है इसका, कुदरत का वरदान मिला | इतनी सुंदरता पाकर भी, दो अक्षर का नाम मिला | ये वन में करता शोर, इसके चर्चे हैं हर ओर |
उत्तर – मोर
सुबह आता, शाम को जाता, दिनभर अपनी चमक बरसाता | समस्त सृष्टि को देता वैभव, इसके बिना नहीं जीवन संभव |
उत्तर – सूरज
पवन सवारी लेकर उडूं, धरती से आकाश | जीवों को जीवन देने, लाऊँ मैं प्रकाश |
उत्तर – वाष्प
मम्मी जी का मीठा गाना, मेरे जी को लगे सुहाना |
उत्तर – लोरी
दो अक्षर का मेरा नाम, मेरे बिन न चलता काम | रंगहीन हूँ, स्वादहीन हूँ, हरदम आती हूँ मैं काम |
उत्तर – पानी
न काशी, न काबा धाम, बिन जिसके हो चक्का जाम | पानी जैसी चीज है वह, झट से बताओ उसका नाम |
उत्तर – पेट्रोल
एक पहेली सदा नवेली जो बूझे जिन्दा | जिन्दा में से मुर्दा निकले, मुर्दा में से जिन्दा |
उत्तर – अंडा
दो दलों का खेल, एक दल में खिलाड़ी सात | उठा-पटक, कर-धकेल, हाथ चले, चले लात |
उत्तर – कबड्डी
शहर का जो नाम है, प्रसिद्द वहाँ की नमकीन | चार अक्षरों का नाम है, नगर बड़ा प्राचीन |
उत्तर – रतलाम
खाते नहीं चबाते लोग, काठ में कड़वा रस संयोग | दांत जीभ की करे सफाई, बोलो बात समझ में आई?
उत्तर – दातून
पर-पकवान बनाने में, मेरा उपयोग बड़ा ही हैं | दो कानों से पकड़ी जाऊँ, बोलों मैं क्या कहलाऊँ?
उत्तर – कड़ाही
ऊपर से नीचे बहता हूँ, हर बर्तन को अपनाता हूँ | देखो मुझको गिरा न देना, वरना कठिन हो जाएगा भरना |
उत्तर – द्रव्य
काली-काली एक चुनरिया, जगमग-जगमग मोती | आ सजती धरती के ऊपर, जब सारी दुनिया सोती |
उत्तर – तारों भरा आकाश
तीन अक्षर का मेरा नाम, आदि कटे तो बने चार | अंत कटे तो न मैं जानू, बोलो करो सोच-विचार |
उत्तर – अचार
“ज” जोड़े तो जापान, अमीरों के लिए है यह एक शान | बनारसी है इसकी पहचान, दावतो में बढ़ती इसकी माँग |
उत्तर – पान
मैं गर्मी में आता हूँ, सबके मन को भाता हूँ | खट्टा मीठा सा स्वाद है मेरा, इसलिए फलों का राजा कहलाता हूँ |
उत्तर – आम
छोटे से हैं मटकूदास, कपड़े पहने एक सौ पचास |
उत्तर – प्याज
दो अक्षर का मेरा नाम, आता हूँ खाने के काम | उल्टा लिखकर नाच दिखाऊँ, फिर क्यों अपना नाम छिपाऊँ?
उत्तर – चना
धूप में आने पर जलने लगता है, छाँव में आने पर मुरझा जाता है | हवा चलने पर मर जाता है बताओ क्या?
उत्तर – पसीना
हरे रंग का है यह झंडा, कितना मीठा और रसीला |
उत्तर – गन्ना
धन दौलत से बड़ी हूँ मैं, सब चीजों से ऊपर हूँ मैं | जो पाए पंडित बन जाए, जो ना पाए मूर्ख बन जाए |
उत्तर – शिक्षा
अंत कटे तो कदम रखे, मध्य कटे तो डर बन जाऊँ | खुद ना चल सकूँ मगर, राही को मंजिल पर पहचाऊँ |
उत्तर – डगर
आगे-आगे बहिना आई, पीछे-पीछे भईया | दांत निकाले बाबा आए, बुरका ओढ़े मईया |
उत्तर – भुट्टा
उल्टा कर दो रंग भरूँ, सीधा रखो मैं फल हूँ | बीमारों का दोस्त हूँ मैं, देता उनको बल हूँ |
उत्तर – चीकू
ऊपर से बस एक रंग हो, भीतर चित्तीदार | सो प्यारी बातें करे, फिकर अनोखी नार |
उत्तर – सुपारी
एक नारी के दो बालक, दोनों एक हीं रंग | एक फिरे, एक ठाढ रहे, फिर भी दोनों संग |
उत्तर – चक्की
केरल से आया टीगूं काला, चार कान और टोपी वाला |
उत्तर – लौंग
कठोर हूँ पर पहाड़ नहीं, जल है मगर समुद्र नहीं | जताएँ हैं पर योगी नहीं, मीठा है मगर गुड़ नहीं |
उत्तर – नारियल
कांटेदार खाल के भीतर एक रसगुल्ला | सभी प्रेम से खाते उसको, क्या पंडित क्या मुल्ला |
उत्तर – लीची
कान है पर बहरी हूँ, मुँह है पर मौन हूँ | आँखे हैं पर अंधी हूँ, बताओ मैं कौन हूँ |
उत्तर – गुड़िया
खेत में उपजे, हर कोई खाए | घर में जो हो जाए, घर खा जाए |
उत्तर – फूट
गोरी, सुंदर, पतली, केहर काले रंग | ग्यारह देवर छोड़ कर, चली जेठ के संग |
उत्तर – अरहर की दाल
चार है रानी, एक है राजा | हर एक काम में, उनका अपना साझा |
उत्तर – अंगूठा और अंगुलियाँ
हरा आटा, लाल पराठा, सभी सखियों ने मिलकर बाँटा |
उत्तर – मेहंदी
प्यास लगे तो पी सकते हैं, भूख लगे तो खा सकते हैं | ठण्ड लगे तो जला सकते हैं तो बताओ क्या है वो ?
उत्तर – नारियल
वह कौन – सी चीज है, जिसका रंग काला है | उजाले में तो नजर आती है, मगर अँधेरे में दिखाई नहीं देती है |
उत्तर – परछाई
वह कौन सा मुख है, जो सुबह से लेकर शाम तक आसमान की ओर देखता है |
उत्तर – सूरजमुखी
एक फूल यहाँ खिला, एक खिला कलकत्ता | गजब अजूबा हमने देखा, पत्ते के ऊपर पत्ता |
उत्तर – फूलगोभी
दो अंगुल की है सड़क, उस पर रेल चले बेधड़क | लोगों के हैं काम आती, समय पड़े तो खाक बनाती |
उत्तर – माचिस
फल नहीं पर फल कहाऊँ, नमक मिर्ची के संग सुहाऊँ | खाने वाले की सेहत बढ़ाऊँ, सीता माता की याद दिलाऊँ |
उत्तर – सीताफल
जा जोड़े तो जापान, अमीरों के लिए है यह शान | बनारसी है इसकी पहचान, दावतों में बढ़ती इसकी मान |
उत्तर – पान
बिना चूल्हे के खीर बनी, ना मीठी ना नमकीन | थोड़ा – थोड़ा खा गए, बड़े बड़े शौकीन |
उत्तर – चूना
डिब्बा देखा एक निराला, ना हीं ढक्कन, ना हीं ताला | न हीं पेंदी, ना हीं कोना, बंद है उसमें चाँदी सोना |
उत्तर – अंडा
हरी थी, मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी | राजा जी के बाग में, दुशाला ओढ़े खड़ी थी |
उत्तर – भुट्टा
काली हूँ पर कोयल नहीं, लंबी हूँ पर डंडी नहीं | डोर नहीं पर बाँधी जाती, मैया मेरा नाम बताती |
उत्तर – चोटी
हाथ आए तो सौ-सौ काटे, जब थके तो पत्थर चाटे |
उत्तर – चाकू
हरे-हरे से है दिखे, पक्के हो या कच्चे | भीतर से यह लाल मलाई,जैसे ठंडे मीठे लच्छे |
उत्तर – तरबूज
ना किसी से प्रेम ना किसी से बैर, फिर भी लोग लेते मेरी रोज खैर | सबके गानों की रौनक है बढ़ती, फिर भी मुझ पर थप्पड़ पड़ती |
उत्तर – ढोलक
सिर पर ताज, गले में थैला, मेरा नाम बड़ा अलबेला |
उत्तर – मुर्गा
जादू के डंडे को देखो, कुछ पीए न खाए | नाक दबा दो तुरंत, रोशनी चारों ओर फैलाए |
उत्तर – टॉर्च
बताओ ऐसी दो बहनें, संग हंसती, संग गाती हैं | उजले-काले कपड़े पहने, पर मिल कभी न पाती हैं |
उत्तर – आँखें
काठ की कठोली, लोहे की मथानी | इसे दो-दो आदमी मथे पर, मक्खन दही न आनी |
उत्तर – आरी
बापू के नाम से हुई, इस शहर की पहचान | गुजरात की राजधानी, नगर है बड़ा महान |
उत्तर – गांधीनगर
दो अक्षर का मेरा नाम, आता हूँ खाने के काम | उल्टा लिखकर नाच दिखाऊँ, फिर क्यों अपना नाम छिपाऊँ?
उत्तर – चना
पांच अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान | दक्षिण भारत में रहती हूँ, बोलो तो मैं कैसी हूँ?
उत्तर – मलयालम
पवित्र प्यार का चिह्न हूँ मैं, गैरों को बना लूँ अपना | उल्टा कर दो सब्जी हूँ, खा सकते हो मुझे कच्चा |
उत्तर – राखी
रात दिन है मेरा, घर पर तुम्हारे डेरा | रोज मीठे गीतों से, करती नया सवेरा |
उत्तर – गौरया
पानी का मटका, पेड़ पर लटका | हवा हो या झटका, उसको नहीं पटका |
उत्तर – टमाटर
बिना चूल्हे की खीर बनी, ना मीठी ना नमकीन | थोड़ा-थोड़ा खा गए, बड़े-बड़े शौक़ीन |
उत्तर – चूना
दो अक्षर का नाम है, रहता हरदम जुखाम है | कागज मेरा रुमाल है, बताओ मेरा क्या नाम है ?
उत्तर – कलम
चार कुआँ बिन पानी, चोर अठारह बैठे लिए एक रानी | आया एक दारोगा लाल, कुएं में दिया सबको डाल |
उत्तर – कैरमबोर्ड
एक सींग का है चौपाया, मोटी उसकी खाल | खाल से किसी जमाने में, बनती थी ढाल |
उत्तर – गैंडा
पक्षी हूँ मैं अजब निराला, मैं नहीं हूँ उड़ने वाला | प्यारे बच्चों ध्यान लगाओ, झट से मेरा नाम बताओ |
उत्तर – शुतुरमुर्ग
प्यारा सुंदर पक्षी हूँ मैं, तुंरत मुझे लो पाल | हरे रंग की काया मेरी, चोंच है मेरी लाल |
उत्तर – तोता
भैया मैं हूँ तीन पंख का, चार महीने पाता आराम | बिजली का प्रवाह मैं सहता, घंटों मैं तो चलता रहता |
उत्तर – पंखा
धरती में मैं पैर छुपाता, आसमान में शीश उठाता | हिलता पर कभी न चलता, पैरों से हूँ भोजन खाता |
उत्तर – पेड़
बिन पावों के चलते देखा, इत-उत उसको फिरते देखा | काम विचित्र करते देखा, जल से उसे मरते देखा |
उत्तर – जूता
मुझे खाना चाहो तो, सबसे पहले मुझे तोड़ो | मेरे अंदर है सुनहरा खजाना, फ्राई कर के झट से खा लो |
उत्तर – अंडा
दो सुंदर लड़के, दोनों एक रंग के | एक बिछड़ जाए, तो दूसरा काम न आए |
उत्तर – जूता
सात गांठ की रस्सी, गांठ – गांठ में रस | इसका उत्तर जो बताए, उसको देंगे रूपए दस |
उत्तर – जलेबी
पढ़ने में, लिखने में, दोनों में हीं आता काम | कलम नहीं, कागज़ नहीं, बताओ क्या है मेरा नाम |
उत्तर – चश्मा
बैठ तार में आती वह, घर के दीप जलाती वह | कई मशीनों का है वह प्राण, बोलो क्या कहलाती वह |
उत्तर – बिजली
मध्य कटे तो सास बन जाऊँ, अंत कटे तो सार समझाऊँ | मैं हूँ पक्षी, रंग सफेद, बताओ मेरे नाम का भेद |
उत्तर – सारस
एक हाथ है लकड़ी की डंडी, बने हुए हैं इसमें आठ घर | ज्यों-ज्यों हवा जाए उस भवन में, त्यों-त्यों निकले हैं मीठे स्वर |
उत्तर – बाँसुरी
उड़ नहीं सकती मैं वायु में, चल नहीं पाती सड़कों पर | लेकिन लाखों पर्यटकों को, पहुँचाती हूँ इधर-उधर |
उत्तर – रेल
जंगल मेरी जन्मभूमि है, महफिल मेरा धाम | सबके होंठ लग कर देती, सरगम का पैगाम |
उत्तर – बाँसुरी
एक सींग की ऐसी गाय, जितना दो उतना हीं खाए | खाते-खाते गाना गाए, पेट नहीं उसका भर पाए |
उत्तर – आटा चक्की
आदि कटे तो गीत सुनाऊँ, मध्य कटे तो संत बन जाऊँ | अंत कटे साथ बन जाता, संपूर्ण सबके मन भाता |
उत्तर – संगीत
पूरे विश्व में एक यहीं, सबसे बड़ा महाद्वीप | भारत-पाक रूस और इसमें हीं है चीन |
उत्तर – एशिया
हाल-चाल यदि पूछो उससे, नहीं करेगा सीधे बात | सादा लगता है, पर पेट में रखता दांत |
उत्तर – अनार
ऐसा एक अजब खजाना, जिसका मालिक बड़ा श्याना | दोनों हाथों से लुटाता, फिर भी दौलत बढ़ता हीं जाता |
उत्तर – ज्ञान
मुझको उल्टा करके देखो, लगता हूँ मैं नौजवान | कोई पृथक नहीं रहता, बूढ़ा बच्चा या जवान |
उत्तर – वायु
सिर काट दो, मन दिखता हूँ, पैर काट दो, आदर बना दूँ | पेट काट दो, कुछ न बताता, प्रेम से अपना शीश नवाता |
उत्तर – नमन
लाल-लाल आँखें, लंबे-लंबे कान | रुई का फुहासा, बोलो क्या है उसका नाम ?
उत्तर – खरगोश
तीन अक्षर का शहर हूँ, विश्व में प्रसिद्ध हूँ | अंत कटे तो आग बन जाऊँ,मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ |
उत्तर – आगरा
हरी-हरी मछली के हरे-हरे अंडे | जल्दी से बूझो पहेली, नहीं तो पड़ेंगे डंडे |
उत्तर – मटर
दुम कटे तो सीता, शीश कटे तो मित्र | बीच कटे तो खोपड़ी, पहेली है बड़ी विचित्र |
उत्तर – सियार
सुबह सवेरे आता हूँ, शाम ढले चल जाता हूँ | मुझे देखकर दिन की शुरुआत, सभी को रोशन कर जाता हूँ |
उत्तर – सूरज
शुरू कटने से हूँ मैं पशु, बीच कटे पर काम | आखिर कटे तो पक्षी होता, बताओ मेरा नाम |
उत्तर – कागज
एक बूढ़े के बारह बच्चे, कोई छोटे तो कोई लंबे | कोई गर्म और कोई ठंडे, बताओ नहीं तो खाओ डंडे |
उत्तर – साल
शरीर है इसका लंबा-लंबा, मुख है कुछ-कुछ गोरा | पेट में जिसके है काली डंडी, नाम लिखे हैं वो मेरा |
उत्तर – पेंसिल
चार पैर रखती हूँ, लेकिन कहीं न जाती हूँ | ऑफिस हो या हो संसद, हर जगह फसाद कराती हूँ |
उत्तर – कुर्सी
मध्य काट कर मली गई, प्रथम काट कर छली गई | पानी में रह कर सुख भोगा, बाहर आकर तली गई |
उत्तर – मछली
वाणी में गुण बहुत है, पर मुझसे अच्छा कौन? सारे झगड़ों को टालूँ , बतलाओ मैं कौन?
उत्तर – मौन
गुलाबी नगर सदियों से, सबके मन को भाता | हवामहल के कारण हीं वो पहचाना जाता।
उत्तर – जयपुर
कद लंबा और रूप गोल है, आए काम जब आती रात | रोती जलती खड़ी-खड़ी, कभी न पूछे कोई बात |
उत्तर – मोमबत्ती
मैं एक बीज हूँ, तीन अक्षर है मेरे | दो दल वाला अन्न हूँ, दाल बनाकर खाते हो |
उत्तर – मटर
देकर एक झटका, फाँसी पर लटका | इंकलाब का शोला, जिंदाबाद बोला |
उत्तर – भगत सिंह
जो तुझमें है, वह उसमें नहीं, जो झण्डे में है, वह डण्डे में नहीं |
उत्तर – “झ”
हमने देखा ऐसा बंदर, उछले जो पानी के अंदर |
उत्तर – मेंढक
बिल्ली की पूँछ हाथ में, बिल्ली रहे इलाहाबाद में |
उत्तर – पतंग
जब भी आए, होश उड़ाए, फिर भी कहते हैं कि आए |
उत्तर – नींद
पंख नहीं पर उड़ती हूँ, हाथ नहीं पर लड़ती हूँ |
उत्तर – पतंग
डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव, चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव |
उत्तर – रेलगाड़ी
कमर पतली है, पैर सुहाने, कहीं गए होंगे बीन बजाने |
उत्तर – मच्छर
राजा के महल में रानी पचास, सिर पटके दीवार से, जलकर होए राख |
उत्तर – माचिस
बच्चों! एक लाठी की सुनो कहानी, छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |
उत्तर – गन्ना
अगर नाक पर मैं चढ़ जाऊँ, तो कान पकड़कर खूब पढ़ाऊँ |
उत्तर – चश्मा
एक गुफा के दो रखवाले, दोनों लंबे, दोनों काले |
उत्तर – मूंछें
मैं मरती हूँ, मैं कटती हूँ | पर रोते हो तुम, पहचानो कौन हूँ मैं |
उत्तर – प्याज
एक राजा की अनोखी रानी, दुम के सहारे पीती पानी |
उत्तर – दीपक
मेरे नाम से सब डरते हैं, मेरे लिए परिश्रम करते हैं |
उत्तर – परीक्षा
बूझो भैया एक पहेली, जब काटो तब नई नवेली |
उत्तर – पेंसिल
आवाज है पर इंसान नहीं, जुबान है पर निशान नहीं |
उत्तर – ऑडियो कैसेट
काली-काली माँ, लाल-लाल बच्चे | जहाँ जाए माँ, वहाँ जाएँ बच्चे |
उत्तर – ट्रेन
दादी-नानी का यह धन, बच्चों का खुश कर दे मन |
उत्तर – कहानी
सीधी होकर नीर पिलाती, उल्टी होकर दीन कहलाती |
उत्तर – नदी
मारे फिर भी आदर पाता, पुलिस नहीं फिर क्या कहलाता |
उत्तर – टीचर
कहे लोमड़ी लगते दूर, फल है कौन बताओ हुजूर |
उत्तर – अंगूर
बिना सहारे लटक रहे हैं, बिन बिजली के चमक रहे हैं |
उत्तर – तारे
दुनिया का कौन-सा जीव है, जिसकी पांच आँखें होती हैं?
उत्तर – मधुमक्खी
चार खड़े, दो अड़े, दो पड़े, एक-एक के मुंह में दो-दो पड़े |
उत्तर – खाट
सब सोएँ पर यह न सोए, चोर भाई की आँखें रोएँ |
उत्तर – स्ट्रीट लाइट
कंप्यूटर का मैं “की” कहलाता, मुझसे अक्षर, अंकन आता |
उत्तर – कीबोर्ड (Keyboard)
हरी डिब्बी, पीला मकान, उसमें बैठे कालू राम |
उत्तर – पपीता और बीज
बेशक न हो हाथ में हाथ, जीता है वह आपके साथ |
उत्तर – परछाई
कमर बाँध कोने में पड़ी, बड़ी सबेरे अब है खड़ी |
उत्तर – झाड़ू
तीन रंग की तितली, नहा धोकर निकली |
उत्तर – समोसा
काला घोड़ा, सफेद सवारी, एक उतरा तो दूसरे की बारी |
उत्तर – तवा और रोटी
मैं हरी, मेरे बच्चे काले, मुझे छोड़ मेरे बच्चे खा ले |
उत्तर – इलायची
काले वन की रानी है, लाल पानी पीती है |
उत्तर – खटमल
हरी डंडी, लाल कमान, तौबा – तौबा करे हर इंसान |
उत्तर – लाल मिर्च
एक पहेली मैं बुझाऊँ, सिर को काट नमक छिड़काऊँ |
उत्तर – खीरा
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान |
उत्तर – जहाज
“बा” अक्षर है पहला नाम, जल भरने के आऊँ काम |
उत्तर – बाल्टी
“शौ” अक्षर पहले है आता, हर घर की मैं शान बढ़ाता |
उत्तर – शौचालय
घर की डॉक्टर, घर की रानी | बीच चौक में लगे सुहानी |
उत्तर – तुलसी
कांटों से निकले, फूलों में उलझे | नाम बताओ तो समस्या सुलझे |
उत्तर – तितली
ऊँट की बैठक, हिरन की चाल | बोलो वह कौन है पहलवान |
उत्तर – मेढ़क
हजार लाख में रहे अँधेरा, मात्र एक हीं में उजाला |
उत्तर – चाँद
छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता, रोज दही की नदी में नहाता |
उत्तर – दहीबड़ा
चार ड्राइवर एक सवारी, उसके पीछे जनता भारी |
उत्तर – मुर्दा
बीसों का सिर काट लिया, ना मारा ना ख़ून किया |
उत्तर – नाख़ून
लाल घोड़ा रुका रहे, काला घोड़ा भाग जाए, बताओ कौन?
उत्तर – आग और धुँआ
सोलह, बारह, आठ कड़ी है | लंबी डंडी एक छड़ी है |
उत्तर – छाता
जन्म तो हुआ जंगल में, नाचे पर गहरे जल में |
उत्तर – नौका
एक प्लेट में दो अंडा, एक गर्म, एक ठंडा |
उत्तर – सूरज और चंदा
उजली धरती काले बीज, हमको देती सुन्दर सीख |
उत्तर – पुस्तक
शब्द एक हीं, मतलब दो, एक भाषा, एक रहने को |
उत्तर – बंगला
खुद कभी वह कुछ न खाए, लेकिन सब को खूब खिलाए |
उत्तर – चम्मच
सबको इससे डर है लगता, पर उजियारा इस पे हँसता |
उत्तर – अँधेरा
दो अक्षर का मेरा नाम, सिर पर चढ़ना मेरा काम |
उत्तर – टोपी
पन्द्रह दिन में हुआ बीमार, पन्द्रह दिन का राजकुमार |
उत्तर – चाँद
पेट में अंगुली, सिर पर पत्थर, झटपट बताओ इसका उत्तर |
उत्तर – अंगूठी
कटोरा पर कटोरा, बेटा बाप से भी गोरा |
उत्तर – नारियल
खड़ा पर भी खड़ा, बैठने पर भी खड़ा |
उत्तर – सींग
दिन में सोए, रात में रोए | जितना रोए, उतना खोए |
उत्तर – मोमबत्ती
न भोजन खाता, न वेतन लेता, फिर भी पहरा डटकर देता |
उत्तर – ताला
एक पेड़ की तीस है डाली, आधी सफेद और आधी काली |
उत्तर – महीना
एक घर में पचास चोर, रहते हैं सब साथ-साथ |
उत्तर – माचिस
हरा मकान, लाल दुकान, और उसमें बैठता लल्लूराम |
उत्तर – तरबूज
कान मरोड़ो, पानी दूँगा, मैं कोई पैसे नहीं लूँगा |
उत्तर – नल
एक पैर है काली धोती, जाड़े में वह हरदम सोती | गरमी में है छाया देती, सावन में वह हरदम रोती |
उत्तर – छतरी
वह पाले नहीं भैंस, ना गाय, फिर भी दूध मलाई हीं खाए | घर बैठे हीं वह करे शिकार, रिश्ते में भी है, वह मौसी यार |
उत्तर – बिल्ली
भवनों से मैं नजर आता, सब बच्चों को खूब भाता | दूर का हूँ लगता मामा, रूप बदलता पर दिल को भाता |
उत्तर – चंद्रमा
बिना पाँव पानी पर चलती, बत्तख नहीं, ना पानी की रानी | उसे न चाहिए सड़क या पटरी, सिर्फ चाहिए गहरा पानी |
उत्तर – नाव
सात रोज में हूँ आता, बालकों का हूँ चहेता | वे करते हैं बस मुझसे प्यार, नित्य करते हैं मेरा इंतजार |
उत्तर – रविवार
रंग है उसका पीला, तपाया है तो ढीला | पीटा है तो फैला, कीमती है तो छैला |
उत्तर – सोना
खबर लाता हूँ सुबह नहीं लगाता हूँ देर मैं | फेंक दिया जाता हूँ, दूसरे दिन रद्दी के ढेर में |
उत्तर – अख़बार
बोल नहीं पाती हूँ मैं, और सुन नहीं पाती | बिना आँखों के हूँ अंधी, पर सबको राह दिखाती |
उत्तर – पुस्तक
तीन अक्षर का मेरा नाम, बीच कटे तो रिश्ते का नाम | आखिरी कटे तो सब खाए, भारत के तीन तरफ दिखाए |
उत्तर – सागर
शुरू कटे तो कान कहलाऊँ, बीच कटे तो मन बहलाऊँ | परिवार की मैं करूँ सुरक्षा, बारिश, आँधी, धूप से रक्षा |
उत्तर – मकान
नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी | नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए |
उत्तर – तोता
राजा महाराजाओं के ये, कभी बहुत आया काम | संदेश इसने पहुचाएँ, सुबह हो या शाम |
उत्तर – कबूतर
आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’, अंत में इसके ‘ह’ है | पेड़ों पर रहता है, सुर में कुछ कहता है |
उत्तर – पपीहा
सफेद मुर्गी, हरी पूँछ, तुझे ना आए काले से पूछ |
उत्तर – मूली
देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया | पानी तो पूरा शुद्ध था, पर पी न कोई पाया |
उत्तर – ओस
सर्दी की रात मैं नभ से उतरूँ, लोग कहते हैं मुझे मोती | सूर्य का प्रकाश देखते हीं, मैं गायब होती |
उत्तर – ओस
करती नहीं यात्रा दो गज, फिर भी दिन भर चलती है | रसवंती है, नाजुक भी, लेकिन गुफा में रहती है |
उत्तर – जीभ
नहीं सुदर्शन चक्र मगर, मैं चकरी जैसा चलता | सिर के ऊपर उल्टा लटका, फर्श पर नहीं उतरता |
उत्तर – पंखा
पास में उड़ता-उड़ता आए, क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए | बिना आग के जलता जाए, सबके मन को वह लुभाए |
उत्तर – जुगनू
छिलके को दूर हटाते जाओ, बड़े स्वाद से खाते जाओ | इतना पर अवश्य देखना, छिलके इसके दूर हीं फेंखना |
उत्तर – केला
तरल हूँ पर पानी नहीं, चिपचिपा हूँ गोंद नहीं | मीठा हूँ पर चॉकलेट नहीं, मधुमक्खियों द्वारा मैं बनता हूँ |
उत्तर – शहद
उल्टा-सीधा एक समान? तीन अक्षर का मेरा नाम | मुझसे सुन्दर दिखे जहान, जरा बताओ मेरा नाम?
उत्तर – नयन
हुगली नदी पर बना, ऐसा है एक सेतू | चार खंभों पर टिका हुआ, लोगों को पार कराने हेतू |
उत्तर – हावड़ा ब्रिज
कौन कुंवारा आजीवन था, किसे प्रकृति से था प्यार | किसका साहित्य छायावाद पर, नाम बताओ सोच-विचार |
उत्तर – सुमित्रानंदन पंत
पारिवारिक व राष्ट्र-भावना, किसके साहित्य में दृश्यमान | राजनीति में रही सक्रिय, ओज-वीर उसकी पहचान |
उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान
डगमग-डगमग, हिलता-डुलता, सागर की लहरों पर चलता | जल सेना का साथी सच्चा, नाम बताओ उसका बच्चा |
उत्तर – पानी का जहाज़
बावन सेकंड में गाया जाऊँ, बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ | गुरुदेव टेगोर की रचना न्यारी, गाने में लगती है प्यारी |
उत्तर – राष्ट्र गान
गलती को में खूब मिटाती, घिसते-घिसते खुद घिस जाती | बच्चों की मैं पक्की मित्र, मिटा-मिटा बनवाती चित्र |
उत्तर – रबड़
तीन अक्षर का मेरा नाम, जीवन लेना मेरा काम | प्रथम कटे रोना बन जाऊँ, मध्य कटे कोना कहलाऊँ |
उत्तर – कोरोना
याद सुबह मैं आता हूँ, दाँतों को चमकाता हूँ | करके अपना कार्य समय से, दिनभर फिर सुस्ताता हूँ |
उत्तर – टूथब्रश
जो करता है वायु शुद्ध, फल देकर जो पेट भरे | मानव बना है उसका दुश्मन, फिर भी वह उपकार करे |
उत्तर – पेड़
धूम धड़ाका खूब करूँ मैं, तीन अक्षर का मेरा नाम | अंतिम अक्षर ‘ख’ है मेरा, नाम बताओ भोलूराम |
उत्तर – पटाखा
खट्टा मगर रसीला हूँ, ऊपर से हरा या पीला हूँ | गर्मी में मेरी आती बहार, लगा दूँ रस की धार |
उत्तर – नींबू
धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह | जो पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए |
उत्तर – विद्या
महापुरुषों की धरोहर, है देश की शान | तीन रंगों में लहराता, राष्ट्र की पहचान |
उत्तर – तिरंगा
मैं तीन अंकों की संख्या, सोचो तो मैं कौन हूँ? मैं ठग-बदमाशों की संज्ञा, बूझो तो मैं कौन हूँ?
उत्तर – 420
बूझो बच्चों एक पहेली, काली थाल की गोरी सहेली | घूम-घूम कर नाच दिखाती, फूल के मैं कुप्पा हो जाती |
उत्तर – रोटी
ऊँचा-ऊँचा जो उड़े, न बादल न चील | कभी डोर उसकी खींचे, कभी पेंच में ढील |
उत्तर – पतंग
बादल बरसे बिजली चमके, या बरसे अंगारा | मातृभूमि की रक्षा खातिर, बीते जीवन हमारा |
उत्तर – फौजी
तीन अक्षरों का शब्द, आदि कटे से गरदन प्यारी | मध्य कटे से संक्षेप बने, अंत कटे से बने तरकारी |
उत्तर – सागर
एक अनोखा डिब्बा वो, जो बोले और दिखाए | करे मनोरंजन सबका, हर घर में पाया जाए |
उत्तर – टीवी
हरी-हरी पोशाक हमारी, हरा- भरा है सबका रूप | पौधों को भोजन हम देते, जब भी मिलती हमको धूप |
उत्तर – पत्ती
रंग-बिरंगी ठंडी-ठंडी, फ्रिज में जमा रहती | बर्फ जमा है साथ मेरे, गर्मी में राहत देती |
उत्तर – आइसक्रीम
छायावादी किसका साहित्य, किसने तोड़ा छन्द विधान | दीन-हीन दलितों को किसने, अपना कर दिया सम्मान?
उत्तर – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
लाल हूँ मैं, खाती हूँ सूखी घास | पानी पीकर मर जाऊँ, जल जाए जो आए मेरे पास |
उत्तर – आग
पौधों को मैं जकड़े रहती, मिट्टी के अन्दर घर मेरा | लवण और जल पहुंचाती, बताओ क्या नाम मेरा?
उत्तर – जड़
एक पेड़ का अंग्रेजी नाम, वह है हथेली मेरी | खुशी ओमी एकता रानी, अरे बूझ पहेली मेरी |
उत्तर – पाम ट्री
Conclusion
अब आप ये बताएँ कि Majedar Paheliyan in Hindi with Answer को बूझकर आपको कैसा लगा | अगर आपके मन में कोई भी पहेली है, जिसका जवाब आप ढूंढ नहीं पा रहे हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स या ईमेल के जरिए संपर्क कर सकते हैं | हम आपके हर पहेली का जवाब अवश्य देंगे | अगर यह मजेदार पहेलियाँ आपको पसंद आईं है तो इन्हें अपने दोस्तों के साथ Share जरुर करें |