Dimagi Paheli with Answer – इस पोस्ट में हम ऐसी दिमाग घुमा देने वाली पहेलियां आपके लिए लाए हैं, जो दिमाग की बत्ती जला देंगी | उम्मीद है यह पहेलियाँ आपको जरुर पसंद आएगी |
100 दिमाग घुमा देने वाली पहेलियां | Dimagi Paheli with Answer
वह क्या है, जो ऊपर नीचे होता है मगर हिलता नहीं?
उत्तर – तापमान
वह क्या है, जिसमें से आप सब ले लेंगे फिर भी कुछ बच जाएगा?
उत्तर – सबकुछ
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसे हम पानी के अंदर खाते हैं?
उत्तर – गोता
ऐसा रूम, जिसकी खिड़की ना दरवाजा तो बताओ क्या?
उत्तर – मशरूम
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसका आकार तो है लेकिन भार कुछ भी नहीं है?
उत्तर – अक्षर
100 मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित |
100 छोटी पहेलियाँ उत्तर सहित |
100 हंसाने वाली पहेलियां |
20 बुद्धिमान पहेलियां |
ऐसी कौन-सी चीज है, जिसकी आँखों में अंगुली डालो तो वह अपना मुँह खोल देती है?
उत्तर – कैंची
ऐसी कौन-सी चीज है, जो जून में होती है दिसंबर में नहीं, आग में होती है लेकिन पानी में नहीं?
उत्तर – गर्मी
बत्तीस ईंटों के दुर्ग के भीतर, छिपी एक महारानी | हंसकर बोले, दिलों को जीते, ऐंठे तो याद आए नानी |
उत्तर – जीभ
पीला-पीला रंग मेरा, गोल-मटोल शरीर | बड़े-बड़े वीरों के दांत, करूँ खट्टे महावीर |
उत्तर – नींबू
पैर नहीं तो नग बन जाए, सिर न हो तो गर | यदि कमर कट जाए मेरी, तो हो जाता हूँ नर |
उत्तर – नगर
पीली हरी हवेली एक, उसमें बैठे कालू राम | पेट साफ करता हूँ मैं, बूझो तो जरा मेरा नाम |
उत्तर – पपीता
वन में काटो, वन में छांटो, वन में हुआ हार-श्रृंगार | एक बार जल में उतरे, फिर न देखे घर बार |
उत्तर – नौका
अंत नहीं तो फौज समझिए, आदि नहीं तो बन गया नानी | देश प्रेम के लिए न्यौछावर, उनकी बड़ी महान कहानी |
उत्तर – सेनानी
नींद में मिलूँ, जागने पर नहीं, दूध में मिलूँ, पानी में नहीं | दादी में हूँ, नानी में नहीं, कूदने में मिलूँ, भागने पर नहीं |
उत्तर – “द”
दो इंच का मनीराम, दो गज की पूंछ | जहाँ चले मनीराम, वहाँ चले पूंछ |
उत्तर – सुई-धागा
तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर | आगे तीतर पीछे तीतर, बोलो कितने तीतर?
उत्तर – तीन
धन दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह | जो पाए इसे पंडित बन जाए, इसे बिन पाए मूर्ख रह जाए |
उत्तर – विद्या
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान | आता हूँ खाने के काम, बूझो तो भाई मेरा नाम?
उत्तर – डालडा
हाथ-पैर में पड़ी जंजीर, फिर भी दौड़ लगाती | टेढ़े-मेढ़े रास्तों से, गाँव-गाँव घूमती |
उत्तर – साइकिल
चार खंभे चलते जाएँ, सबसे आगे अजगर | पीछे सबके सांप चल रहा, फिर भी तनिक नहीं है डर |
उत्तर – हाथी
हरा किला है, लाल महल, श्वेत-श्याम सब वासी हैं | भीतर जल-थल में रहते, बाहर से मजबूती है |
उत्तर – तरबूज
नन्हीं कील को ढूंढ निकालूँ, अजब निराली चीज | प्लास्टिक को ढूंढ न पाऊँ, आती मुझको खीज |
उत्तर – चुम्बक
बीस मार्च को दिवस मनाते, चहक-चहक इठलाऊँ | दाना-पानी लोग न रखते,क्या पीऊँ, क्या खाऊँ |
उत्तर – गौरैया
काँच से बनती है, सुन्दर और चमकीली | मम्मी की कलाई में सजती, लाल, हरी, नीली, पीली |
उत्तर – चूड़ियाँ
चुटकी भर डालो मुझे, बढ़िया सोच-विचार | कितनी भी हो स्वादिष्ट सब्जी, मुझ बिन होती बेकार |
उत्तर – नमक
जन्म के बाद आता हूँ, मरने के पहले जाता हूँ | क्रोध में रगड़ा जाता हूँ, भोजन खूब चबाता हूँ |
उत्तर – दाँत
एक शब्द अंग्रेजी का, दस अक्षर होते जिसमें | पाँच व्यंजन हैं शामिल, पाँच स्वर भी होते जिसमें |
उत्तर – Precaution
प्रथम कटे तो मन बनूँ, अंत कटे तो मूल्य | मध्ये कटे सुकर्म हो, ऐसे जीत लूँ सबका दिल |
उत्तर – दामन
मांस नहीं, हड्डी नहीं, सिर्फ उंगलियाँ मेरी | नाम बता भाई कौन हूँ मैं, जानें अक्ल हम तेरी |
उत्तर – दस्ताने
आज यहाँ, कल वहाँ रहे, नहीं किसी के पास रुके | और रुक जाए किसी के घर, तो फिर घुमा देता है सर |
उत्तर – पैसा
झुकी कमर का बूढ़ा, जहाँ ठहर जाए | वहीं पर भाषा रुके, सवाल उभर जाए |
उत्तर – प्रश्नवाचक चिह्न (?)
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान | सुभाष चन्द्र का मैं हूँ गाँव, जल्दी बताओ मेरा नाम?
उत्तर – कटक
एक चीज है ऐसी भैया, मुंह खोले बिन खाई जाए | बिन काटे और बिना चबाए, खानी पड़े रुलाई आए |
उत्तर – पिटाई
चाय गरम है, गरम है पानी, दूध गरम घण्टे बीते | चाहे दिन हो, रात हो चाहे, बड़े मज़े से सब पीते |
उत्तर – थर्मस
ना तो पंख हैं, ना तो पैर हैं, फिर भी चलती पानी में | सबको उनकी मंज़िल पहुँचाती, ज़िक्र भी आता कहानी में |
उत्तर – नाव
एक किले के दो हीं द्वार, जिसके सैनिक लकड़ीदार | दीवार से टकरा गए, तो खत्म उनका संसार |
उत्तर – माचिस
रंग-बिरंगी देह हमारी, भरे पेट में फाहा | जाड़े की कठिन रातों में, सबने मुझको चाहा |
उत्तर – रजाई
अश्व की सवारी, भाला ले भारी | घास की रोटी खाई, जारी रखी लड़ाई |
उत्तर – महाराणा प्रताप
इचक दाना-बीचक दाना, दाने ऊपर दाना | छज्जे ऊपर मोर नाचे, लड़का है दीवाना |
उत्तर – अनार
पक्षी देखा एक अलबेला, पंख बिना उड़ रहा अकेला | बांध गले में लम्बी डोर, नाप रहा अम्बर का छोर |
उत्तर – पतंग
वैसे मैं काला, जलाओ तो लाल | फेंको तो सफेद, खोलो मेरा भेद |
उत्तर – कोयला
घेरदार है लहंगा उसका, एक टांग से रहे खड़ी | सबको उसी की इच्छा होती, हो बरखा या धूप कड़ी |
उत्तर – छतरी
जिसने घर में खुशी मनाई, मुझे बांध कर करी पिटाई | मैं जितनी चीखी-चिल्लाई, उतनी हीं कस कर मार लगाई |
उत्तर – ढोलक
पानी पीकर हवा उगलता, गर्मी में आता हूँ काम | सर्दी में मेरा नाम न लेना, अब बता दो मेरा नाम |
उत्तर – कूलर
दिखने में मैं सींकिया पहलवान, लेकिन गुणों में हूँ बलवान | शीतल, मधुर और तरल रसीला, गांठदार परिधान |
उत्तर – गन्ना
रक्त से सना हूँ, दो अक्षर का नाम है | बहादुर के पहले, जवाहर के बाद, यह मेरी पहचान है |
उत्तर – लाल
बच्चों! एक लाठी की सुनो कहानी, छुपा है जिसमें मीठा – मीठा पानी |
उत्तर – गन्ना
अगर नाक पर मैं चढ़ जाऊँ, तो कान पकड़कर खूब पढ़ाऊँ |
उत्तर – चश्मा
एक गुफा के दो रखवाले, दोनों लंबे, दोनों काले |
उत्तर – मूंछें
मैं मरती हूँ, मैं कटती हूँ | पर रोते हो तुम, पहचानो कौन हूँ मैं |
उत्तर – प्याज
एक राजा की अनोखी रानी, दुम के सहारे पीती पानी |
उत्तर – दीपक
मेरे नाम से सब डरते हैं, मेरे लिए परिश्रम करते हैं |
उत्तर – परीक्षा
बूझो भैया एक पहेली, जब काटो तब नई नवेली |
उत्तर – पेंसिल
आवाज है पर इंसान नहीं, जुबान है पर निशान नहीं |
उत्तर – ऑडियो कैसेट
काली-काली माँ, लाल-लाल बच्चे | जहाँ जाए माँ, वहाँ जाएँ बच्चे |
उत्तर – ट्रेन
दादी-नानी का यह धन, बच्चों का खुश कर दे मन |
उत्तर – कहानी
सीधी होकर नीर पिलाती, उल्टी होकर दीन कहलाती |
उत्तर – नदी
मारे फिर भी आदर पाता, पुलिस नहीं फिर क्या कहलाता |
उत्तर – टीचर
कहे लोमड़ी लगते दूर, फल है कौन बताओ हुजूर |
उत्तर – अंगूर
बिना सहारे लटक रहे हैं, बिन बिजली के चमक रहे हैं |
उत्तर – तारे
दुनिया का कौन-सा जीव है, जिसकी पांच आँखें होती हैं?
उत्तर – मधुमक्खी
चार खड़े, दो अड़े, दो पड़े, एक-एक के मुंह में दो-दो पड़े |
उत्तर – खाट
सब सोएँ पर यह न सोए, चोर भाई की आँखें रोएँ |
उत्तर – स्ट्रीट लाइट
कंप्यूटर का मैं “की” कहलाता, मुझसे अक्षर, अंकन आता |
उत्तर – कीबोर्ड (Keyboard)
हरी डिब्बी, पीला मकान, उसमें बैठे कालू राम |
उत्तर – पपीता और बीज
बेशक न हो हाथ में हाथ, जीता है वह आपके साथ |
उत्तर – परछाई
कमर बाँध कोने में पड़ी, बड़ी सबेरे अब है खड़ी |
उत्तर – झाड़ू
तीन रंग की तितली, नहा धोकर निकली |
उत्तर – समोसा
काला घोड़ा, सफेद सवारी, एक उतरा तो दूसरे की बारी |
उत्तर – तवा और रोटी
मैं हरी, मेरे बच्चे काले, मुझे छोड़ मेरे बच्चे खा ले |
उत्तर – इलायची
काले वन की रानी है, लाल पानी पीती है |
उत्तर – खटमल
हरी डंडी, लाल कमान, तौबा – तौबा करे हर इंसान |
उत्तर – लाल मिर्च
एक पहेली मैं बुझाऊँ, सिर को काट नमक छिड़काऊँ |
उत्तर – खीरा
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान |
उत्तर – जहाज
“बा” अक्षर है पहला नाम, जल भरने के आऊँ काम |
उत्तर – बाल्टी
“शौ” अक्षर पहले है आता, हर घर की मैं शान बढ़ाता |
उत्तर – शौचालय
घर की डॉक्टर, घर की रानी | बीच चौक में लगे सुहानी |
उत्तर – तुलसी
कांटों से निकले, फूलों में उलझे | नाम बताओ तो समस्या सुलझे |
उत्तर – तितली
ऊँट की बैठक, हिरन की चाल | बोलो वह कौन है पहलवान |
उत्तर – मेढ़क
हजार लाख में रहे अँधेरा, मात्र एक हीं में उजाला |
उत्तर – चाँद
छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता, रोज दही की नदी में नहाता |
उत्तर – दहीबड़ा
चार ड्राइवर एक सवारी, उसके पीछे जनता भारी |
उत्तर – मुर्दा
बीसों का सिर काट लिया, ना मारा ना ख़ून किया |
उत्तर – नाख़ून
लाल घोड़ा रुका रहे, काला घोड़ा भाग जाए, बताओ कौन?
उत्तर – आग और धुँआ
सोलह, बारह, आठ कड़ी है | लंबी डंडी एक छड़ी है |
उत्तर – छाता
जन्म तो हुआ जंगल में, नाचे पर गहरे जल में |
उत्तर – नौका
एक प्लेट में दो अंडा, एक गर्म, एक ठंडा |
उत्तर – सूरज और चंदा
उजली धरती काले बीज, हमको देती सुन्दर सीख |
उत्तर – पुस्तक