
यहाँ पर हम आपके लिए ऐसी 100 हंसाने वाली पहेलियां लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हँसते-हँसते लोटपोट हो जाएँगे।
100 हंसाने वाली पहेलियां | Hasane wali Paheliyan with Answer

01. वह क्या है, जो आपके पास जितना ज्यादा होगा, आप उतना हीं कम देख सकेंगे?
उत्तर – अँधेरा

02. वह क्या है, जो है तो सोने की, मगर सोने से बहुत सस्ती है?
उत्तर – चारपाई

03. ऐसी कौन-सी चीज है, जो जगे रहने पर ऊपर रहती है और सो जाने पर नीचे रहती है?
उत्तर – पलक

04. ऐसी कौन-सी जगह है, जहाँ 10 लोग जाते हैं और 9 लोग आते हैं?
उत्तर – श्मशान/कब्रिस्तान

05. ऐसी कौन-सी चीज है, जो लड़कियाँ बिना पैसे लिए नहीं देती?
उत्तर – शादी के दिन दूल्हे के जूते
06. एक गिरस्थन ऐसी देखी, चूल्हा करे ना चक्की,
भर-भर घड़े चासनी रखती, अपनी धुन की पक्की।
उत्तर – मधुमक्खी
07. बच्चों से प्यार करें, गुलाब रखे हमेशा,
प्रथम प्रधानमंत्री बने, बताओ कौन है ऐसा?
उत्तर – जवाहरलाल नेहरू
08. कश्मीर का इतिहास है जिसमें, ऐसी पुस्तक न्यारी,
कल्हण ने लिखा है जिसको, याद करे दुनिया सारी।
उत्तर – राजतरंगिणी
09. तीन अक्षर ऐसे मिल जाएँ, ऐसे यंत्र का नाम बनाएँ,
जिससे दूरी घटती जाती, गुल्लो अपनी मंजिल पाती।
उत्तर – पहिया
10. ऐसा आसन एक अनोखा, जीवन लंबा करने वाला,
तन-मन अपना स्वस्थ बनाओ, नाम बताओ सोनू लाला।
उत्तर – प्रणायाम
11. ऐसे आकाशीय पिंड, गैस से जो सब बनते,
स्वयं का ऊष्मा प्रकाश है, नभ में खूब चमकते।
उत्तर – तारा
12. एक अनोखा है चौपाया, भारी भरकम उसकी काया,
नहीं सवारी का कुछ काम, पानी हीं है उसका धाम।
उत्तर – दरियाई घोड़ा
13. कही जाती है रेडियम महिला, मिला दो बार नोबल सम्मान,
नाम बता दो इस महिला का, तो समझू मैं तुम्हें बुद्धिमान।
उत्तर – मैडम क्यूरी
14. ऊपर से कुछ हरा-भरा, अंदर से है भरा-भरा,
छिलके दूर हटा लो जी, बीज नहीं है खा लो जी।
उत्तर – केला
15. काला हूँ, मतवाला हूँ, और मधुर रस वाला हूँ,
तीन वर्ण का नाम बना, मध्य हटा तो जान बना।
उत्तर – जामुन
16. सूर्य हैं मेरे पिता, वर्षा की बूंदें माता,
झुका धनुष सा मेरा अंग, मेरे कपड़ों में सातों रंग।
उत्तर – इन्द्रधनुष
17. लाल रंग की गेंद, मोती भरे हजार,
शबनम जैसा चमके, भीतर से रसदार।
उत्तर – अनार
18. सीधा अगर पढ़ो जो मुझको, काट-काट खाकर मुस्काओ,
उल्टा अगर पढ़ो तो मिलकर, रक्षाबंधन पर्व मनाओ।
उत्तर – खीरा
19. पगड़ी ओढ़े, पगड़ी छोड़े, कैसा मुर्दा आया,
पड़ा धरा पर नाच दिखाए, अजब है इसकी काया।
उत्तर – लट्टू
20. गोल-गोल से छोटे फल हम, जो भी खाए वो माने,
खाने लगो, ढेर सारा खा जाओ, स्वाद बस लोमड़ी जाने।
उत्तर – अंगूर
21. एक मुर्गा आता है, चल-चल कर रूक जाता है,
चाकू लाओ गर्दन काटो, फिर चलने लग जाता है।
उत्तर – पेन्सिल
22. देख सूरज की जो रोशनी, अपनी गर्दन को है मोड़े,
उस फूल का नाम बतलाना, पाप लगे जो उसको तोड़े।
उत्तर – सूरजमुखी
23. एक चीज ऐसी कहलाए, हर कोई मजबूरी में खाए,
पर कैसी मजबूरी हाय, खाकर भी भूखा रह जाए।
उत्तर – कसम
24. देश का दिल बना जो, बसा यमुना किनारे,
शहर बड़ा अलबेला, करे सबको इशारे।
उत्तर – दिल्ली
25. अमर जवान ज्योति जलती, युद्ध स्मारक इसकी पहचान,
भारत के ये दिल में बसता, जल्दी बताओ इसका नाम।
उत्तर – इंडिया गेट
26. मेरे नाम के दो हैं मतलब, दोनों के है अर्थ निराले,
एक अर्थ में सब्जी हूँ मैं, एक अर्थ में पालने वाले।
उत्तर – पालक
27. इसने दिया, उसने लिया, चलती रही हर बार,
मेरे बिना सुना लागे, पूरा ये संसार।
उत्तर – रुपया
28. पहरेदार तुम्हारे घर का, दिन सोऊँ न रात,
अंदर बाहर जाते लोग, रखते मुझपे हाथ।
उत्तर – दरवाजा
29. एक अक्षर का नाम मेरा, अंगारे बरसाऊँ,
हवा के साथ आती हूँ, बोलो क्या कहलाऊँ।
उत्तर – लू
30. नवाबों का शहर है वो, तहजीब की पहचान,
गोमती किनारे बसता, करे सबका सम्मान।
उत्तर – लखनऊ
31. प्रथम काट कर गाली है, उसकी मां भी काली है,
फिर भी भारतवासी है, अपना प्यारा साथी है।
उत्तर – बंगाली
32. मोटी घनी पूंछ पीठ पर, काली-काली रेखा है,
दोनों हाथों में उसको मैंने फल खाते देखा है।
उत्तर – गिलहरी
33. देश भी हूँ, औजार भी हूँ, खींचो अगर तो हूँ पानी,
अढ़ाई अक्षर का नाम है वो, पूछ रही मेरी नानी।
उत्तर – बर्मा
34. कठोर भी हूँ और महंगा भी, उल्टा कर दो सफर करूँ,
करवा दूँ सबमें झगड़ा, मुंह में रख लो प्राण हरूँ।
उत्तर – हीरा
35. उल्टा करो नदी की धारा, सीधा रखो तो देवी,
पीताम्बर के साथ रहूँ मैं, नाम बताओ मेरा।
उत्तर – राधा
36. जीभ नहीं है फिर भी बोले, पैर नहीं पर जंग में डोले,
राजा-रंक सभी को भाता, जब आता है खुशियाँ लाता।
उत्तर – रुपया
37. एक है ठगनी करे कमाल, दिखती हरी, लिखती लाल,
स्याही नहीं, न रंग गुलाल, बात जरा सी लगे सवाल।
उत्तर – मेंहदी
38. सब्जियों का राजा हूँ मैं, खाए मुझको लालू , शालू,
कार्बोहाइड्रेट खूब मैं देता, बच्चों मैं क्या कहलाता।
उत्तर – आलू
39. अंदर सफेद बाहर लाल, मैं सब्जी हूं एक कमाल,
मुझको छीलो आंसू आए, बोलो बच्चों क्या कहलाऊँ।
उत्तर – प्याज
40. ना हूँ फिगर, ना हीं लेडी, लोग कहे मुझे लेडी फिंगर,
मैं सब्जी हूँ एक निराली, खूब विटामिन मेरे अंदर।
उत्तर – भिंडी
41. पाषाण की आकृति में, टोर खड़े हैं चहूं ओर,
राष्ट्र चिह्न बना अद्भुत, नाम बताओ बिना शोर।
उत्तर – अशोक स्तंभ
42. जय हिंद का नारा दिया, आजीवन किया संघर्ष तमाम,
नेताजी वो कहलाए, बताओ जी उनका नाम।
उत्तर – सुभाषचन्द्र बोस
43. चाय में डालो टेस्ट बढ़ाओ, सर्दी-जुकाम सब दूर भगाओ,
चार अक्षर का मेरा नाम, नाम बताओ भोलू राम।
उत्तर – अदरक
44. एक किले में चोर बसे हैं, सबका मुंह है काला,
पूंछ पकड़ कर आग लगाई, झट कर दिया उजाला।
उत्तर – माचिस
45. काशी में मैं रहू अकेला, कलकत्ता में दो-दो,
दिल्ली में नहीं पाओगे तुम, कानपुर में खोजो।
उत्तर – क
46. बचपन जवानी हरी भरी, बुढ़ापा हुआ लाल,
हरी थी तब फूटी थी जवानी, लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल।
उत्तर – मिर्ची
47. रात्रि बेला के आते हीं, भरते खूब उड़ान,
जलते-बुझते दीप सरीखे, बारिश के हम मेहमान।
उत्तर – जुगनू
48. मैं कागज का ऐसा टुकड़ा, ठुमक-ठुमक कर जाऊँ,
हर-शहर और गांव-गांव में सबके संदेश पहुंचाऊँ।
उत्तर – पत्र
49. खुशबू उसकी सबसे न्यारी, कलियां भी लगती है प्यारी,
फूल बड़ा हीं यह है सुंदर, गुलकंद इसका पान के अंदर।
उत्तर – गुलाब
50. जिसके आँगन में जीवन संभव, जिसको नील ग्रह सब माने |
जो सूरज के आगे-पीछे घूमें, नाम बताओ तो हम माने |
उत्तर – पृथ्वी
51. छू जाने से हीं यह शारमाए, देख रूप अपना हीं इतराए,
छोटा फूल बड़ा शर्मिला यहीं, फूल बताओ ये क्या कहलाए।
उत्तर – छुई-मुई
52. कश्मीर का फल है यह न्यारा, हिमाचल में सभी का यह प्यारा,
हरा-लाल रंग इसका अनोखा, लौह खनिज का अनुपम भंडारा।
उत्तर – सेब
53. पीले रंग से गहरा नाता, मेरी रंगत सबको भाती,
घरती ओढ़ती मेरी चुनरी, वसंत ऋतु में आती।
उत्तर – सरसों
54. चिड़िया सी आंगन में चहके, फुलवारी सा जिससे घर महके,
अपनी होते हुए पराई, क्या कुछ-कुछ समझ में आई।
उत्तर – बिटिया
55. एक कटोरी चूने के पानी को, अगर मुँह से फूंका जाए,
मुँह से निकली कौन-सी गैस, जिससे पानी दुधिया हो जाए।
उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड
56. रूई जैसा लगता, फिर भी रूई नहीं,
भरा लबालब पानी, फिर भी रूई नहीं।
उत्तर – बादल
57. चार अक्षर से बनकर मैं तो, आया सबके हाथ में,
बात करो या गाने सुनो,रखना अपने साथ में।
उत्तर – मोबाइल
58. शब्द एक हीं, मतलब दो,
एक भाषा, एक रहने को।
उत्तर – बंगला
59. खुद कभी वह कुछ न खाए,
लेकिन सब को खूब खिलाए।
उत्तर – चम्मच
60. सबको इससे डर है लगता,
पर उजियारा इस पे हँसता।
उत्तर – अँधेरा
61. दो अक्षर का मेरा नाम,
सिर पर चढ़ना मेरा काम।
उत्तर – टोपी
62. पन्द्रह दिन में हुआ बीमार,
पन्द्रह दिन का राजकुमार।
उत्तर – चाँद
63. पेट में अंगुली, सिर पर पत्थर,
झटपट बताओ इसका उत्तर।
उत्तर – अंगूठी
64. कटोरा पर कटोरा,
बेटा बाप से भी गोरा।
उत्तर – नारियल
65. खड़ा पर भी खड़ा,
बैठने पर भी खड़ा।
उत्तर – सींग
66. दिन में सोए, रात में रोए,
जितना रोए, उतना खोए।
उत्तर – मोमबत्ती
67. न भोजन खाता, न वेतन लेता,
फिर भी पहरा डटकर देता।
उत्तर – ताला
68. एक पेड़ की तीस है डाली,
आधी सफेद और आधी काली।
उत्तर – महीना
69. एक घर में पचास चोर,
रहते हैं सब साथ-साथ।
उत्तर – माचिस
70. हरा मकान, लाल दुकान,
और उसमें बैठता लल्लूराम।
उत्तर – तरबूज
71. कान मरोड़ो, पानी दूँगा,
मैं कोई पैसे नहीं लूँगा।
उत्तर – नल
72. हरी-हरी मछली के हरे-हरे अंडे,
जल्दी से बूझो पहेली, नहीं तो पड़ेंगे डंडे।
उत्तर – मटर
73. दुम कटे तो सीता, शीश कटे तो मित्र,
बीच कटे तो खोपड़ी, पहेली है बड़ी विचित्र।
उत्तर – सियार
74. सुबह सवेरे आता हूँ, शाम ढले चल जाता हूँ,
मुझे देखकर दिन की शुरुआत, सभी को रोशन कर जाता हूँ।
उत्तर – सूरज
75. शुरू कटने से हूँ मैं पशु, बीच कटे पर काम,
आखिर कटे तो पक्षी होता, बताओ मेरा नाम।
उत्तर – कागज
76. एक बूढ़े के बारह बच्चे, कोई छोटे तो कोई लंबे,
कोई गर्म और कोई ठंडे, बताओ नहीं तो खाओ डंडे।
उत्तर – साल
77. शरीर है इसका लंबा-लंबा, मुख है कुछ-कुछ गोरा,
पेट में जिसके है काली डंडी, नाम लिखे हैं वो मेरा।
उत्तर – पेंसिल
78. चार पैर रखती हूँ, लेकिन कहीं न जाती हूँ,
ऑफिस हो या हो संसद, हर जगह फसाद कराती हूँ।
उत्तर – कुर्सी
79. मध्य काट कर मली गई, प्रथम काट कर छली गई,
पानी में रह कर सुख भोगा, बाहर आकर तली गई।
उत्तर – मछली
80. वाणी में गुण बहुत है, पर मुझसे अच्छा कौन?
सारे झगड़ों को टालूँ , बतलाओ मैं कौन?
उत्तर – मौन
81. गुलाबी नगर सदियों से, सबके मन को भाता,
हवामहल के कारण हीं वो पहचाना जाता।
उत्तर – जयपुर
82. कद लंबा और रूप गोल है, आए काम जब आती रात,
रोती जलती खड़ी-खड़ी, कभी न पूछे कोई बात।
उत्तर – मोमबत्ती
83. मैं एक बीज हूँ, तीन अक्षर है मेरे,
दो दल वाला अन्न हूँ, दाल बनाकर खाते हो।
उत्तर – मटर
84. देकर एक झटका, फाँसी पर लटका,
इंकलाब का शोला, जिंदाबाद बोला।
उत्तर – भगत सिंह
85. जो तुझमें है, वह उसमें नहीं,
जो झण्डे में है, वह डण्डे में नहीं।
उत्तर – “झ”
86. हमने देखा ऐसा बंदर,
उछले जो पानी के अंदर।
उत्तर – मेंढक
87. बिल्ली की पूँछ हाथ में,
बिल्ली रहे इलाहाबाद में।
उत्तर – पतंग
88. जब भी आए, होश उड़ाए,
फिर भी कहते हैं कि आए।
उत्तर – नींद
89. पंख नहीं पर उड़ती हूँ,
हाथ नहीं पर लड़ती हूँ।
उत्तर – पतंग
90. डब्बे पर डब्बा, डब्बे का गाँव,
चलती फिरती बस्ती है, लोहे के पाँव।
उत्तर – रेलगाड़ी
91. कमर पतली है, पैर सुहाने,
कहीं गए होंगे बीन बजाने।
उत्तर – मच्छर
92. राजा के महल में रानी पचास,
सिर पटके दीवार से, जलकर होए राख।
उत्तर – माचिस
93. मुझको उल्टा करके देखो, लगता हूँ मैं नौजवान,
कोई पृथक नहीं रहता, बूढ़ा बच्चा या जवान।
उत्तर – वायु
94. सिर काट दो, मन दिखता हूँ, पैर काट दो, आदर बना दूँ,
पेट काट दो, कुछ न बताता, प्रेम से अपना शीश नवाता।
उत्तर – नमन
95. लाल-लाल आँखें, लंबे-लंबे कान,
रुई का फुहासा, बोलो क्या है उसका नाम ?
उत्तर – खरगोश
96. तीन अक्षर का शहर हूँ, विश्व में प्रसिद्ध हूँ,
अंत कटे तो आग बन जाऊँ,मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ।
उत्तर – आगरा
97. एक पैर है काली धोती, जाड़े में वह हरदम सोती,
गरमी में है छाया देती, सावन में वह हरदम रोती।
उत्तर – छतरी
98. वह पाले नहीं भैंस, ना गाय, फिर भी दूध मलाई हीं खाए,
घर बैठे हीं वह करे शिकार, रिश्ते में भी है, वह मौसी यार।
उत्तर – बिल्ली
99. भवनों से मैं नजर आता, सब बच्चों को खूब भाता,
दूर का हूँ लगता मामा, रूप बदलता पर दिल को भाता।
उत्तर – चंद्रमा
100. बिना पाँव पानी पर चलती, बत्तख नहीं, ना पानी की रानी,
उसे न चाहिए सड़क या पटरी, सिर्फ चाहिए गहरा पानी।
उत्तर – नाव
Conclusion
इस पोस्ट में मैंने आपके साथ 100 हंसाने वाली पहेलियां शेयर किया। उम्मीद है आप इन पहेलियों को पढ़कर खूब हँसे होंगे। इन पहेलियों को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें। इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!